आर्थिक

GST काउंसिल की 55वीं बैठक: पुरानी कारों पर टैक्स बढ़ा, इंश्योरेंस पर फैसले टले, पॉपकॉर्न पर टैक्स स्पष्ट

नयी दिल्ली। राजस्थान के जैसलमेर में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में कर दरों से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जबकि कुछ मामलों को आगे की जांच के लिए टाल दिया गया।
AAC ब्लॉक और अन्य उत्पादों पर कर दरों में बदलाव
AAC ब्लॉक:
काउंसिल ने स्पष्ट किया कि जिन ऑटोक्लेव्ड एरेटेड कंक्रीट (AAC) ब्लॉक्स में 50% या उससे अधिक फ्लाई ऐश सामग्री होती है, वे HSN कोड 6815 के अंतर्गत आएंगे। इन पर जीएसटी दर को 18% से घटाकर 12% कर दिया गया है।
फोर्टिफाइड चावल:
फोर्टिफाइड राइस पर जीएसटी दर को भी सरल बनाया गया है। अब इस पर केवल 5% कर लागू होगा। पहले यह दर इसके अंतिम उपयोग के आधार पर तय होती थी।
पुरानी कारों और EV वाहनों पर जीएसटी
• कंपनियों द्वारा बेची जाने वाली पुरानी कारों पर:
o पहले इन पर 12% जीएसटी लागू होता था।
o अब इसे बढ़ाकर 18% कर दिया गया है।
o यह इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की बिक्री पर भी लागू होगा।
o हालांकि, यह कर केवल कंपनियों के मार्जिन (खरीद और बिक्री मूल्य के बीच का अंतर) पर लागू होगा।
• इंडिविजुअल लेन-देन पर:
o व्यक्तिगत रूप से पुरानी कारों की खरीद-फरोख्त पर यह दर लागू नहीं होगी।
शुल्क संरचना:
पेट्रोल और डीजल वाहनों के लिए बड़े इंजन (1200 सीसी और 1500 सीसी से अधिक) और लंबाई (4000 मिमी से अधिक) वाले वाहनों पर पहले से 18% जीएसटी लागू था, जो यथावत रहेगा।
पॉपकॉर्न पर जीएसटी दरें
• नमक और मसालों के साथ मिश्रित पॉपकॉर्न:
o यदि प्री-पैकेज्ड और लेबल के बिना बेचा जाए, तो 5% जीएसटी।
o प्री-पैकेज्ड और लेबल के साथ बेचा जाए, तो 12% जीएसटी।
• चीनी वाले पॉपकॉर्न (जैसे कारमेल पॉपकॉर्न):
o इस पर 18% जीएसटी लगाया जाएगा।
बीमा से जुड़े मामलों पर निर्णय टला
जीएसटी काउंसिल बीमा क्षेत्र में कर दरों को तर्कसंगत बनाने पर कोई आम सहमति नहीं बना पाई। यह मामला आगे की जांच के लिए टाल दिया गया है। संबंधित विषय पर मंत्रियों के समूह की अगली बैठक में चर्चा होगी।
वाउचर लेन-देन पर स्पष्टीकरण
काउंसिल ने यह निर्णय लिया कि वाउचर लेन-देन को न तो माल की आपूर्ति और न ही सेवाओं की आपूर्ति माना जाएगा। इस प्रकार, ऐसे लेन-देन पर किसी भी प्रकार का जीएसटी लागू नहीं होगा।
अन्य महत्वपूर्ण पहलू
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने दरों को तर्कसंगत बनाने के संबंध में मंत्रियों के समूह की रिपोर्ट का उल्लेख किया। इस पर चर्चा काउंसिल की अगली बैठक में की जाएगी।
बैठक में टैक्स संरचना को सरल बनाने और स्पष्टता लाने पर जोर दिया गया। हालांकि, बीमा जैसे संवेदनशील विषयों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका। पुरानी कारों और ईवी पर टैक्स बढ़ाने का फैसला राजस्व में वृद्धि कर सकता है, लेकिन यह बाजार की धारणा को भी प्रभावित कर सकता है।

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