उत्तराखण्ड और कर्नाटक की तर्ज पर गुजरात (Gujarat) के मुख्यमंत्री (CM) भी बदले जा रहे हैं। विजय रूपाणी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के पद से आज शनिवार, 11 सितम्बर की शाम को त्यागपत्र (Resignation) दे दिया और अब मनसुख मांडविया, नितिन पटेल, सीआर पाटिल, पुरुषोत्तम रुपाला के नाम मुख्यमंत्री पद के नये दावेदारों के तौर पर सामने आ आ रहे हैं।
रूपाणी ने आज शनिवार की शाम को गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को अपना त्यागपत्र सौंपा। इसके बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि अब पार्टी जो भी जिम्मेदागी तय करेगी, उसे मैं निभाउंगा। रूपाणी ने पीएम मोदी को जनता की सेवा करने का मौका देने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें कार्यकर्ता से मुख्यमंत्री बनाया गया। इसके लिए पीएम मोदी का धन्यवाद। अब गुजरात का विकास नये नेतृत्व के हाथों में होना चाहिए।
मांडविया, नितिन पटेल, सीआर पाटिल, पुरुषोत्तम रुपाला के नाम आगे
गुजरात के सीएम विजय रुपाणी ने पद से इस्तीफा दे दिया है। अगले साल दिसंबर में गुजरात में चुनाव होने हैं। नए सीएम की रेस में मनसुख मांडविया, नितिन पटेल, सीआर पाटिल, पुरुषोत्तम रुपाला के नाम आगे चल रहे हैं। विजय रुपाणी ने शनिवार को राज्यपाल आचार्य देवव्रत को अपना त्यागपत्र सौंप दिया। त्यागपत्र के बाद उन्होंने कहा, ‘अब पार्टी जो जिम्मेदारी देगी मैं उसे निभाउंगा।’ उन्होंने जनता की सेवा करने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया। रुपाणी ने कहा कि मुझे कार्यकर्ता से सीएम बनाया। अब गुजरात का विकास नए नेतृत्व में होना चाहिए।
चुनाव से कुछ समय पूर्व त्यागपत्र देने वाले चौथे सीएम
उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष जुलाई में कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा ने अगले चुनाव से करीब दो साल पूर्व इस्तीफा दिया था और उनके स्थान पर बासवराज बोम्मई मुख्यमंत्री बने। इसी तरह उत्तराखंण्ड में तीरथ सिंह रावत ने त्रिवेंद्र रावत की जगह लेने के मुश्किल से चार महीने बाद इस्तीफा दे दिया था। उनके बाद पुष्कर सिंह धामी को इसी वर्ष जुलाई में उत्तराखण्ड मुख्यमंत्री बनाया गया। उत्तराखण्ड में मार्च-अप्रेल 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस तरह चुनाव से कुछ समय पहले त्यागपत्र देने वाले भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के क्रम में विजय रूपाणी चौथे मुख्यमंत्री हैं।
पार्टी संगठन से रही है अनबन
बताया जा रहा है कि विजय रुपाणी के त्यागपत्र देने का कारण पार्टी संगठन के साथ अनबन है। खासकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और वसारी सांसद सीआर पाटिल के साथ उनके मतभेद सामने आ रहे थे। ध्यान दिला दें कि पिछले महीने ही विजय रुपाणी ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के पांच साल पूरे किए हैं। वर्ष 2016 में तत्कालीन सीएम आनंदी बेन पटेल के त्यागपत्र देने के बाद उनके स्थान पर 7 अगस्त 2016 को विजय रुपाणी सीएम बने थे।