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हड़ताल खत्म होते ही रोडवेज-प्राइवेट बस संचालक आमने-सामने

जयपुर। दो दशकों से चली आ रही रोडवेज और प्राइवेट बस संचालकों की खुन्नस एक बार फिर सामने आ गई है। एक ओर तो सरकार ने प्राइवेट बसों का कोरोना काल का टैक्स माफ करने का निर्णय लिया, वहीं दूसरी ओर रोडवेज ने भी प्रचार शुरू कर दिया है कि कोरोना काल में रोडवेज बसें ही सुरक्षा की गारंटी है।

प्राइवेट बस संचालकों की हड़ताल खत्म होने के साथ ही रोडवेज को डर सताने लगा है कि अब उनका हाइवे पर एकछत्र राज खत्म हो जाएगा। इसलिए राजस्थान रोडवेज की ओर से कहा गया है कि कोरोना महामारी के दौरान सुरक्षित सफर के लिए लोग रोडवेज बसों को ही चुनें, क्योंकि इन बसों में संक्रमण की रोकथाम के लिए पुख्ता उपाय किए जा रहे हैं, जो प्राइवेट बसों में उपलब्ध नहीं होंगे।

रोडवेज की ओर से अपनी बसों और बस स्टैंड को समय-समय पर सेनेटाइज कियाजा रहा है। चालक-परिचालकों के लिए मास्क, ग्लब्ज, ग्लब्ज, हैड कैप, पीपीई किट उपलब्ध कराए जा रहे हैं, वहीं यात्रियों के लिए हैंड सेनेटाइजर और थर्मल स्केनर दिया जा रहा है।

रोडवेज के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नवीन जैन ने बताया कि बसों, स्टैण्डों और यात्रियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए सभी आगारों व बस स्टैंडों को 30 हजार लीटर हाईपो क्लोराइड सोल्यूशन, 600 थर्मल स्कैनर, फील्ड स्टॉफ को 60 हजार मास्क, 50 हजार हैड कैप, 37 हजार ग्लब्स, 4 हजार फेस शील्ड उपलब्ध कराया गया है।

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