हमास के आतंकियों ने इजरायल पर ड्रोन, मिसाइल और रॉकेट की बौछार करके दुनिया को हैरान कर दिया है। विशेषज्ञों के मुताबिक हमास ने ईरान और इजरायली विस्फोटकों का इस्तेमाल करके अपने हथियार तैयार किए हैं। इस बीच इजरायल और हमास के बीच जोरदार लड़ाई जारी है और मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है।
हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना ने अब गाजा पट्टी में बड़े पैमाने पर हवाई हमला शुरू कर दिया है। हमास और इजरायल के बीच युद्ध का छठवां दिन है। इस बीच हमास के हमले में मारे जाने वाले इजरायली लोगों की संख्या बढ़कर 1200 तक पहुंच गई है। वहीं, घायल होने वालों की संख्या हजारों में पहुंच गई है। इजरायल के जवाबी हमले में भी सैकड़ों फिलिस्तीनी और हमास आतंकी मारे गए हैं। इजरायल ने अपने 3 लाख सैनिकों को गाजा की सीमा के पास तैनात कर दिया है और कभी भी जमीनी हमले की कार्रवाई शुरू हो सकती है। हमास के इन आतंकियों को इतने हाईटेक हथियार कहां से मिले, इसका खुलासा हो गया है।
दुनिया की सबसे बड़ी खुली जेल गाजा पट्टी पर शासन करने वाले हमास ने ड्रोन, राकेट और मिसाइलों से इजरायल पर हमला करके दुनिया को चैंका दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हमास बेहद घने बसे गाजा पट्टी पर शासन करता है। यहां बहुत कम संसाधन हैं और बाहर से जो भी सामान आता है, उस पर इजरायल की नजर रहती है। 41 किमी में बसा यह तटीय इलाका हमास के कब्जे के बाद पिछले 17 साल से दुनिया से कटा हुआ है। इजरायल और मिस्र दोनों ने ही एक सख्त पहरा इसके चारों ओर लगा रखा है। इजरायल ने हवा और समुद्री रास्ते में सख्त निगरानी रखी है। इन सबके बाद भी आखिर हमास को कहां से इतने हाईटेक हथियार मिले जिससे उसने इजरायली आयरन डोम और अन्य हाईटेक हथियारों को फेल कर दिया, यह सवाल सबके जेहन में है।
‘ईरान से मिलती है सैन्य सहायता’
विशेषज्ञों के मुताबिक इसका जवाब है-चतुराई, सुधार और बाहरी मदद। सीआईए के वर्ल्ड फैक्टबुक के मुताबिक हमास को उसके हथियार तस्करी या स्थानीय निर्माण के जरिए मिलते हैं। हमास को ईरान से कुछ सैन्य सहायता भी मिलती है। इजरायल और अमेरिका को अभी भी इस बात के सबूत नहीं मिले हैं कि ईरान ने हमास को इस हमले में सीधे मदद की है।
वहीं, विशेषज्ञों के मुताबिक ईरान लंबे समय से ही हमास का मुख्य समर्थक रहा है। हमास सीमा पार तक बनी सुरंगों की मदद से ईरानी हथियारों को तस्करी करके लाता है। इसके अलावा नौकाओं की मदद से समुद्री रास्ते भी हथियारों की तस्करी की जाती है।
गोला-बारूद की रिसाइक्लिंग
इसके अलावा हमास के आतंकी गोला-बारूद को रिसाइकल भी करते हैं। गाजा में कोई भी बड़ा उद्योग नहीं है, जिससे हथियारों के निर्माण में मदद की जा सके। गाजा से सबसे ज्यादा लोहे का कबाड़ निर्यात किया जाता है और इसी की मदद से हमास आतंकी हथियार बनाते हैं और सुरंगों का भी निर्माण करते हैं। जब गाजा के आधारभूत ढांचे को इजरायली हमले में तबाह कर दिया गया, तब केवल लोहे की चादर, पाइप, इलेक्ट्रिक वायरिंग ही बचे। ये सभी हमास के हथियार बनाने वाले वर्कशॉप तक पहुंच गए।
इजरायल के बारूद से इजरायल पर वार कर रहा हमास
विशेषज्ञों के मुताबिक हमास ने इन सामग्रियों को रॉकेट ट्यूब या अन्य विस्फोटक बनाने में इस्तेमाल किया। इसके अलावा इजरायल ने जिन बमों को हमास के ऊपर फेंका और वे फटे नहीं, उनके बारूद का भी इस्तेमाल हमास ने हथियार बनाने में किया है। इजरायल के यही हथियार और गोला बारूद अब हमास को मदद दे रहे हैं और उनका इस्तेमाल अब वह इजरायल पर हमले के लिए कर रहा है। हमास ने राहत सामग्री के नाम पर दी गई पाइप का इस्तेमाल भी रॉकेट और मिसाइलों को बनाने के लिए किया है। उन्होंने खुद ही इसका वीडियो जारी किया है।