जयपुर। राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को एक बड़ी बहस छिड़ गई जब सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को सदन से शेष कार्यकाल के लिए निलंबित करने की मांग की। शर्मा ने डोटासरा द्वारा विधानसभा अध्यक्ष के प्रति की गई अभद्र टिप्पणी को अलोकतांत्रिक और अमर्यादित करार दिया।
असभ्य भाषा पर कड़ी आपत्ति
विधायक शर्मा ने कहा कि डोटासरा की भाषा सहन करने योग्य नहीं है और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सदन के सम्मान और गरिमा को बनाए रखने के लिए अनुशासनहीनता पर सख्त कदम उठाने जरूरी हैं।
शर्मा ने सदन में उदाहरण देते हुए कहा कि भारतीय संसद (लोकसभा और राज्यसभा) और राजस्थान विधानसभा में पूर्व में भी अनुशासनहीनता पर कड़े फैसले लिए गए हैं। उन्होंने कहा, “अगर हम कठोर निर्णय नहीं लेंगे, तो यह लोकतंत्र पर सीधा प्रहार होगा और हम भी इस पाप के सहभागी बन जाएंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत के इतिहास में किसी भी विधानसभा अध्यक्ष के लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने विपक्षी विधायकों से अपील की कि वे इस कृत्य में भागीदार न बनें और डोटासरा को पूरे कार्यकाल के लिए बर्खास्त करने की मांग को दोहराया।
मंत्री मदन दिलावर ने किया समर्थन
मंत्री मदन दिलावर ने विधायक गोपाल शर्मा की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि डोटासरा की भाषा अनुचित थी। उन्होंने संकेत दिया कि आने वाले दिनों में डोटासरा को पूरे कार्यकाल के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव सदन में लाया जा सकता है।
इस पूरे घटनाक्रम से यह साफ है कि विधानसभा में डोटासरा के बयान को लेकर विवाद थमने के बजाय और बढ़ता जा रहा है, और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग तेज हो गई है।