आखिरकार दो साल के बाद समाज को खुलकर होली खेलने का मौका मिला। कोरोना के कारण दो वर्षों से लोगों को एक स्थान पर एकत्र होने की पाबंदी रही लेकिन इस बार सरकार की ओर से ऐसी किसी किस्म की पाबंदी नहीं थी तो देश में जमकर होली खेली गयी। राजस्थान भर में जमकर होली खेली गयी। सुबह से लोग घरों से बाहर निकलकर एक-दूसरे को अबीर, गुलाल और रंग लगाते रहे। जयपुर के अराध्यदेव गोविंद देव जी मंदिर में भी लोग भगवान से होली खेलने के लिए पहुंचे।
जयपुर के चार दीवारी, चार दीवारी से बाहर आदर्श नगर, राजापार्क, महेश नगर, गोपालपुरा बाईबास, वैशाली नगर, सोडाला के आपसास क्षेत्रों में भी होली की धूम रही। लोग वाहनों पर हंसते-गाते मित्रों और रिश्तेदारों के घरों पर जाकर होली खेलते नजर आये। न केवल बच्चे बल्कि बड़े-बुजुर्ग भी इस बार होली के रंगों में सराबोर रहे। सड़कों पर लोग पानी फेंकते और डांस करते रहे ।
होली के शोर के साथ ही रंग-बिरंगे कलर व गुलाल से हर कोई सराबोर नजर आया। बच्चे, युवा ही नहीं बुजुर्ग भी एक-दूसरे को रंग लगाने में पीछे नहीं रहे। इस बार लोगों में अलग ही जोश देखने को मिला। जगह-जगह सड़क पर चंग बजाकर लोग डांस कर रहे थे।
यद्यपि होली खेलने का कार्यक्रम देर तक चलता किंतु दिन चढ़ने के साथ ही गर्मी के तेवर बढ़ते चले गये। इससे दोपहर के बाद होली की धूम में कुछ नरमी भी देखने को मिले। धीरे-धीरे सड़कें सूनी दिखाई देने लगीं। हालांकि देर रात को होली मिलन और गायन के कार्यक्रम चलते रहे।