दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था (fastest growing economy in the world) का केंद्र भारत बना हुआ है और इकोनॉमी की ये रफ्तार ऐसे ही जारी रहने की उम्मीद भी जताई जा रही है। एक के बाद एक वैश्विक रेटिंग एजेंसियों (Global rating agencies) को इस पर भरोसा है, यही कारण है कि वर्ल्ड बैंक (World Bank) से लेकर आईएमएफ (IMF) तक ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास दर के अनुमान (Estimates of growth rate of Indian economy) को संशोधित कर बढ़ाया है। अब इस लिस्ट में एक और बड़ी एजेंसी Fitch Ratings भी शामिल हो गई है। फिच रेटिंग्स ने मध्यम अवधि के लिए भारत के ग्रोथ अनुमान को 0.7 फीसदी बढ़ाकर 6.2 फीसदी कर दिया है। दूसरी ओर चीन को एजेंसी की ओर से करारा झटका लगा है, क्योंकि उसके ग्रोथ अनुमान में बड़ी कटौती की गई है।
टॉप-10 देशों में सबसे ऊपर भारत
Fitch Ratings ने इससे पहले भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान मध्यम अवधि के लिए 5.5 फीसदी रखा था. जिसे 0.7 फीसदी तक बढ़ाकर अब 6.2 फीसदी कर दिया गया है. फिच ने मध्यम अवधि 2023 से 2027 को माना है। सबसे खास बात ये है कि फिच के मुताबिक, भारत की जीडीपी दुनिया की टॉप-10 अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा रहने वाली है। एजेंसी ने अपने अनुमान को संशोधित करने के पीछे के कारणों का जिक्र करते हुए कहा है कि बीते हालिया महीनों में भारत में रोजगार दर में बड़ा सुधार देखने को मिला है। इसके अलावा भारत की लेबर प्रोडक्शन क्षमता भी अन्य देशों की तुलना में खासी बेहतर हुई है।
वर्ल्ड बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी जताया भारत पर भरोसा
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत की विकास दर 6.3 फीसदी रहने की उम्मीद है। फिच ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जहां तक भारत का सवाल है तो उच्च विकास अनुमान रोजगार दर में सुधार और कामकाजी उम्र की आबादी के पूर्वानुमान में मामूली वृद्धि के कारण किया गया है। इससे पहले वर्ल्ड बैंक से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) तक ने भारत के जीडी ग्रोथ अनुमान में संशोधन करते हुए इसे बढ़ाया है और भारत की तेज़ रफ्तार अर्थव्यवस्था पर भरोसा जताया है।
चीनी जीडीपी में गिरावट से अर्थव्यवस्था पर असर
एक ओर जहां फिच रेटिंग्स ने भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को बढ़ाया है, तो वहीं चीन और रूस जैसे देशों के विकास दर के अनुमान को घटाया है। मध्यम अवधि के लिए चीन की जीडीपी की वृद्धि दर को 5.3 फीसदी से घटाकर 4.6 फीसदी कर दिया है। अमेरिकी रेटिंग एजेंसी ने सोमवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा, चीन की जीडीपी में गिरावट का असर 10 उभरते देशों की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है। इन देशों की विकास दर 4.3 फीसदी से घटकर 4 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया गया है।
कोरोना काल में विकासशील अर्थव्यवस्थाओं पर कहा
फिच की रिपोर्ट में कोरोना काल की बात भी की गयी कि साल 2020 में कोविड महामारी (Corona Pendemic) के कारण कुछ उभरती अर्थव्यवस्थाओं में मंदी की स्थिति बेहद गंभीर हो गई थी और मैक्सिको, दक्षिण अफ्रीका और भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी। हालांकि, बाद में ज्यादातर अर्थव्यवस्थाओं में मजबूत आर्थिक सुधार देखे गए, क्योंकि सरकारों ने राजकोषीय खर्च बढ़ा दिया और इसके साथ ही वैश्विक व्यापार में सुधार दिखने लगा।
कौन है फिच रेटिंग्स कंपनी
वर्ष1914 से स्थापित फिच रेटिंग्स एक ऐसी कंपनी है जो क्रेडिट रेटिंग देती है और इस क्षेत्र में रिसर्च करती है। फिच रेटिंग्स को अक्सर खबरों में देखा जाता है और इसलिए, यह समझना महत्वपूर्ण है कि रेटिंग्स का क्या मतलब है और वे सरकार के लिए क्या संकेत देते हैं।फिच रेटिंग्स को दुनिया की तीन बड़ी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों में से एक माना जाता है, अन्य दो मूडीज और स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (एसएंडपी) हैं।फिच रेटिंग्स का मुख्यालय न्यूयॉर्क और लंदन में है।