जयपुर

जयपुर (Jaipur) में परकोटे (walled city) से अतिक्रमण (encroachment) हटाने के मामले में उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) द्वारा यथास्थिति के आदेश प्रभावी

जयपुर। स्वायत्त शासन मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि जयपुर शहर (Jaipur) में परकोटे (walled city) से 15 फीट की दूरी तक अतिक्रमणों (encroachment) को हटाने के संबंध में उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के यथास्थिति रखने के आदेश प्रभावी हैं।

धारीवाल प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय के समक्ष परकोटे से 15 फीट दूरी तक अतिक्रमण हटाने के लिए रिट दायर की गई थी। उच्च न्यायालय द्वारा 11 फरवरी 2015 को परकोटे के पांच मीटर की परिधि में सभी प्रकार के नए निर्मार्णों पर रोक का फैसला दिया गया तथा इस परिधि में अतिक्रमणों की पहचान कर रिपोर्ट बनाने के भी आदेश दिये गए।

उन्होंने बताया कि आदेश की अनुपालना में 1 हजार 868 अतिक्रमणों की सूची न्यायालय में पेश की गई तथा परकोटे की सुरक्षा व संरक्षण के लिए स्पेशल सैल का गठन भी किया गया। अपने अंतिम फैसले में उच्च न्यायालय द्वारा अतिक्रमण पूर्ण रूप से ध्वस्त करने के आदेश दिये गए। तत्पश्चात् राज्य सरकार व नगर निगम द्वारा उच्चतम न्यायालय में एसएलपी दायर करने पर यथास्थिति का आदेश जारी किया गया है, जो वर्तमान में भी प्रभावी है।

इससे पहले विधायक कालीचरण सराफ के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में धारीवाल ने बताया कि प्रकरण माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है तथा इसमें वर्तमान में यथास्थिति के आदेश प्रभावी है। उन्होंने जयपुर में संरक्षित स्मामरकों की सूची तथा उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसरण में अतिक्रमणों को चिन्हित कर नगर निगम, जयपुर द्वारा जारी नोटिसों की जोनवार सूची सदन के पटल पर रखी।

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