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पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में राष्ट्र स्तरीय कार्यक्रम में किया झण्डावंदन और राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि अगली बार फिर आऊंगा…!

देश ने आज 77वां स्वाधीनता दिवस मनाया। देश की राजधानी नयी दिल्ली में लाल किले पर राष्ट्र स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया गया। आज पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर लगातार 10वीं बार झण्डा फहराया किया और इस मौके पर राष्ट्र के नाम संबोधित किया। उन्होंने स्वाधीनता दिवस के मौके पर देश वासियों को शुभकामनाएं और बधाई। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की अनेकानेक शुभकामनाएं। आइए, इस ऐतिहासिक अवसर पर अमृतकाल में विकसित भारत के संकल्प को और सशक्त बनाएं। जय हिंद!
इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने राजघाट पर पहुंचकर आजादी के सबसे बड़े योद्धा कहे जाने वाले महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने लाल किले पर पहुंचकर देश का तिरंगा फहराया। उन्होंने डेढ़ घंटे के इस संबोधन में 140 करोड़ भारतीयों के परिवार को संबोधित करते हुए की और लगातार ‘परिवारजनों’ शब्द का उपयोग किया। आमतौर पर वे अपने संबोधन में ‘मित्रों या ‘देशवासियों’ शब्द का उपयोग करते रहे हैं।
राष्ट्र को संबोधित करके हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यों का रिपोर्ट कार्ड रखा और भविष्य की परिकल्पना दी। उन्होंने कहा कि मेरे प्रिय परिवारजनोंने, ये मोदी के जीवन का कमिटमेंट है। ये मेरे व्यक्तित्व का कमिटमेंट है कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ता रहूंगा। दूसरा, हमारे देश को नोच लिया है, परिवारवाद ने। इस परिवारवाद ने देश को जिस प्रकार से जकड़कर रखा है, उसने देश के लोगों का हक छीना है। तीसरी बुराई तुष्टीकरण की है। इस तुष्टीकरण ने देश के मूलभूत चिंतन को दाग लगा दिया है। तहस नहस कर दिया है इन लोगों ने। इसलिए मेरे प्यारे परिवारजनों हमें इन तीन बुराइयों के साथ पूरे सामर्थ्य के साथ लड़ना है।
प्रधानमंत्री मोदी अपना अलग अंदाज है। वे राष्ट्रीयता की बात करते-करते अपने भाषण की राजनीति की ओर भी मोड़ देते हैं। उन्होंने कहा अब 6 जी की भी तैयारी कर रहे हैं। हमने टास्कफोर्स बना दिया है। हमारे देश में 25 साल से चर्चा हो रही थी कि देश में नई संसद बने। ये मोदी है जो समय से पहले नई संसद बनाकर दे दिया। ये काम करने वाली सरकार है। निर्धारित लक्ष्यों को पार करने वाली सरकार है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे मेरे देशवासियों को महंगाई का बोझ कम से कम हो, मुझे इस दिशा में कदम उठाने हैं। मेरा प्रयास निरंतर जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि गांव-गांव तक पक्की सड़क बन रही है। हम सेमी कंडक्टर का भी निर्माण कर रहे हैं। जिसका शिलान्यास जो हमारी सरकार करती है, उसका उदघाटन भी हमारे कालखंड में ही करती है। इन दिनों जो मैं शिलान्यास जो मैं कर रहा हूं आप लिख कर रखिए उसका उदघाटन भी आप सबने मेरे नसीब में ही छोड़े हुए हैं। अगली 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस पर मैं फिर आऊंगा।
उन्होंने देशवासियों से सहायता मांगते हुए कहा कि सपने अनेक हैं। संकल्प साफ है। नीतियां स्पष्ट हैं। नीयत के सामने कोई सवालिया निशान नहीं है। लेकिन कुछ सच्चाइयों को हमें स्वीकार करना होगा और उसके समाधान के लिए मेरे प्रिय परिवारजनों मैं आज लाल किले से आपकी मदद मांगने आया हूं। मैं लाल किले से आपका आशीर्वाद मांगने आया हूं। अनुभव के आधार पर मैं कह रहा हूं कि आज गंभीरतापूर्वक उन चीजों को लेना होगा। 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा उस समय दुनिया में भारत का तिरंगा झंडा विकसित भारत का तिरंगा झंडा होना चाहिए। रत्तीभर भी हमें रुकना नहीं है, पीछे नहीं हटना है। सुचिता, पारदर्शिता और निष्पक्षता ये पहली मजबूती की जरूरत है। हमें उस मजबूती को जितना ज्यादा खाद पानी दे सकते हैं। संस्थाओं के नेता दे सकते हैं। ये हमारा सामूहिक दायित्व होना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा, गांव में हमारा दो करोड़ लखपति दीदी बनाने का मकसद है। हम एक नई योजना सोच रहे हैं। कि हमारे कृषि क्षेत्र में तकनीक आए। वीमेन सेल्फ ग्रुप की महिला को हम ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग देंगे। हमारे कृषि के काम में ड्रोन की सेवाएं उपलब्ध हो, इसकी हम शुरुआत करेंगे। उन्होंने कहा कि जब मैं एकता की बात करता हूं कि तो घटना मणिपुर में होती है तो पीड़ा महाराष्ट्र में होती है। बाढ़ असम में आती है तो बेचैन केरल हो जाता है। हम एक ही होने की अनुभूति करते हैं। मेरे देश की बेटियों पर जुल्म न हो ये हमारा सामाजिक दायित्व है। जब आज दुनिया के किसी देश में कोरोना के काल में मेरा सिख भाई लंगर लगाता है तो हिंदुस्तान का सीना चौड़ा हो जाता है।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि, हमारे देश की अब सीमाएं पहले से ज्यादा सुरक्षित है। सेना का आधुनिकीकरण हो। हमारी सेना युद्ध के लिए तैयार रहे। इसलिए लागतार सुधार का काम हमारी सेना में हो रहा है। आए दिन हम सुना करते थे यहां बम धमाका हुआ वहां बम धमाका हुआ। हर जगह लिखा होता था कि इस बैग तो मत छूना। आज देश शांति को देख रहा है। सीरियल बम धमाके का जमाना बीती हुई बात हो गई है। निर्दोषों के जो मौत होते थे वो अब बीते हुए कल की बात हो गई है। आज देश में आतंकी हमलों में भारी कमी आई है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी बहुत बड़ा बदलाव आया है। परिवर्तन का वातावरण बना है।
स्वतंत्रता दिवस पर देश के अपने राजनेताओं, मंत्रियों, खिलाड़ियों ने शुभकामनाएं और बधाई दी। अनेक स्थानों पर झण्डावनंदन किया गया। लाल किले पर आयोजित हुए राष्ट्र स्तरीय कार्यक्रम से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दूरी बनाकर रखी। अलबत्ता बहुत से दलों के नेता इस कार्यक्रम में शरीक हुए।

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