क्रिकेट

भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट मैचः भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पहले टेस्ट मैच के चौथे दिन ही 295 रनों के विशाल अंतर से हराया

पर्थ। भारतीय क्रिकेट टीम ने कप्तान रोहित शर्मा की अनुपस्थिति में शानदार प्रदर्शन करते हुए ऑस्ट्रेलिया को पर्थ टेस्ट यानी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में 295 रनों से हराकर इतिहास रच दिया। भारत की जीत में कार्यवाहक कप्तान जसप्रीत बुमराह की घातक गेंदबाजी (पहली पारी में 30/6 और दूसरी पारी में 42/3) ने अहम भूमिका निभाई। इस पहले टेस्ट मैच के चौथे दिन भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 534 रनों का विशाल लक्ष्य दिया, जिसके दबाव में मेजबान टीम ढह गई। बुमराह ने दोनों पारियों में अपनी काबिलियत साबित करते हुए भारतीय गेंदबाजी आक्रमण को मजबूती दी। दूसरी पारी में बुमराह और मोहम्मद सिराज ने 3-3 विकेट झटके, जबकि वॉशिंगटन सुंदर ने 2 और नीतीश व हर्षित ने 1-1 विकेट हासिल किया।
यह जीत रनों के अंतर से ऑस्ट्रेलिया में भारत की अब तक की सबसे बड़ी जीत है। पर्थ के मैदान पर पहली बार ऑस्ट्रेलिया को किसी टेस्ट मैच में हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले, 1977 में भारत ने मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया को 222 रनों से हराया था। ओवरऑल, यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी टेस्ट जीत है, जिसमें मोहाली में 2008 की 320 रनों की जीत शीर्ष पर है। इस ऐतिहासिक जीत के साथ भारतीय टीम ने सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली है।
मैच में तीसरे दिन का खेल जब समाप्त हुआ तो ऑस्ट्रेलिया अपनी दूसरी पारी में तीन विकेट खोकर केवल 12 रन ही बना सकी थी। नाथन मैकस्वीनी बिना खाता खोले आउट हुए, जबकि पैट कमिंस और मार्नस लाबुशेन क्रमशः 2 और 3 रन बनाकर पवेलियन लौटे। उस्मान ख्वाजा 3 रन के साथ क्रीज पर टिके हुए थे और टूटते हुए पिच पर ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 522 रनों की जरूरत थी।
इससे पहले, भारत ने अपनी दूसरी पारी छह विकेट पर 487 रन बनाकर घोषित कर दी थी। पहली पारी में 150 रन बनाने वाली भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 104 रन पर समेट दिया था। दूसरी पारी में 46 रन की बढ़त के साथ भारत ने कुल 534 रन का लक्ष्य रखा।
पूर्व कप्तान विराट कोहली ने भी दूसरी पारी में शतक जमाया। कोहली ने 143 गेंदों पर 100 रन बनाए, जिसमें आठ चौके और दो छक्के शामिल थे। उन्होंने नाथन लियोन की गेंद पर चौका मारकर अपना शतक पूरा किया। यह उनके टेस्ट करियर का 30वां शतक और कुल मिलाकर 81वां शतक था। खास बात यह रही कि यह शतक ऑस्ट्रेलिया में उनका सातवां था, जिससे उन्होंने सचिन तेंदुलकर को पीछे छोड़ दिया, जिन्होंने वहां छह शतक बनाए थे। कोहली के शतक के बाद भारतीय टीम ने तुरंत पारी घोषित करने का फैसला किया। कोहली के साथ नीतीश रेड्डी 38 रन बनाकर नाबाद रहे। दोनों ने सातवें विकेट के लिए 54 गेंदों में 77 रनों की साझेदारी की।
इससे पहले यशस्वी जायसवाल ने शानदार 161 रनों की पारी खेली, जिसमें उन्होंने 15 चौके और तीन छक्के लगाए। यह उनके टेस्ट करियर का चौथा शतक था। केएल राहुल ने भी 77 रन बनाए, जबकि देवदत्त पडिक्कल और वॉशिंगटन सुंदर ने क्रमशः 25 और 29 रनों का योगदान दिया। ऋषभ पंत और ध्रुव जुरेल 1-1 रन पर आउट हुए। ऑस्ट्रेलिया के लिए नाथन लियोन ने दो विकेट लिये, जबकि मिचेल स्टार्क, जोश हेजलवुड, पैट कमिंस और मिचेल मार्श ने एक-एक विकेट चटकाए।
बता दें कि यह सीरीज दोनों टीमों के लिए महत्वपूर्ण है और यह साफ हो जाएगा कि कौन सी टीम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचेगी। भारत को कम से कम चार टेस्ट मैच जीतने की जरूरत है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि वह एक भी मैच न हारे। भारतीय कप्तान जसप्रीत बुमराह ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था।

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