कूटनीतिदिल्ली

भारत और कनाडा के बीच एक बार फिर बढ़ा तनाव, भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त को बुलाया

कनाडा और भारत के रिश्तों में फिर से तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। कनाडा ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच में भारतीय उच्चायुक्त की भागीदारी का आरोप लगाया है, जिसे भारत ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है। भारत ने इसे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का राजनीतिक एजेंडा करार दिया और कनाडा से अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाने का निर्णय लिया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडा सरकार की सुरक्षा पर उन्हें भरोसा नहीं है। दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव का लंबा इतिहास रहा है।
ताज़ा मामला क्या है?
खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा ने पिछले साल भारत पर आरोप लगाए थे, लेकिन वह कोई पुख्ता सबूत नहीं दे पाया। इस आरोप के बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास आ गई। अब कनाडा ने फिर से आरोप लगाया है कि भारतीय उच्चायुक्त और कुछ अन्य राजनयिक इस हत्याकांड की जांच में ‘पर्सन ऑफ इंटरेस्ट’ हैं। भारत ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें राजनीति से प्रेरित बताया है।
तनाव की शुरुआत कब हुई?
भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव का इतिहास काफी पुराना है। विशेष रूप से जस्टिन ट्रूडो के पिता, पियरे इलियट ट्रूडो, जो कनाडा के 15वें प्रधानमंत्री थे, के कार्यकाल में भी दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण रहे थे।
परमाणु परीक्षणों से बिगड़े रिश्ते
1974 में भारत के परमाणु परीक्षणों के दौरान यह तनाव बढ़ा। कनाडा के विशेषज्ञों का मानना था कि भारत ने कनाडाई डिज़ाइन के CIRUS रिएक्टर का इस्तेमाल किया, जिससे कनाडा के विश्वास को गहरा आघात लगा। इसके बाद, 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षणों ने संबंधों में और भी खटास डाल दी। कनाडा ने इस घटना को विश्वासघात की तरह देखा और कहा कि इससे अन्य गैर-परमाणु देशों को भी प्रेरणा मिल सकती है। उस समय के विदेश मंत्री मिशेल शार्प ने कहा कि दोनों देशों के बीच विश्वास की कमी आ गई है।
खालिस्तानी चरमपंथियों से तनाव
1980 के दशक में खालिस्तानी आतंकवादियों की गतिविधियों ने दोनों देशों के रिश्तों में और तनाव बढ़ाया। कई आतंकवादी, जो पंजाब में अपराध कर चुके थे, कनाडा में शरण लेने में सफल रहे। बब्बर खालसा के सदस्य तलविंदर सिंह परमार, जो 1981 में पंजाब में पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल थे, कनाडा भाग गए। भारत द्वारा प्रत्यर्पण के अनुरोध के बावजूद, पियरे ट्रूडो की सरकार ने उसे वापस नहीं भेजा।
एयर इंडिया विमान हादसा
1985 में एयर इंडिया फ्लाइट 182 (कनिष्क) में बम विस्फोट के बाद, जिसमें 329 लोगों की जान गई थी, संबंधों में और गिरावट आई। तलविंदर सिंह परमार इस हमले के मास्टरमाइंड के रूप में जाना जाता है, लेकिन उसे इस मामले में मुकदमे का सामना नहीं करना पड़ा। 2023 में परमार के सम्मान में कनाडा में पोस्टर लगाए जाने से दोनों देशों के रिश्ते और बिगड़ गए।
प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पियरे ट्रूडो के समय ही कनाडा में खालिस्तानी ताकतों के खिलाफ कार्रवाई की कमी को लेकर चिंता जताई थी, जिससे दोनों देशों के रिश्ते में लंबे समय से चले आ रहे मुद्दे उजागर होते हैं।

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