भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पहली बार 700 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है। 27 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में इसमें 12.6 अरब डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो साप्ताहिक वृद्धि के लिहाज से अब तक की पांचवीं सबसे बड़ी वृद्धि है। आरबीआई द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अब 704.8 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। चीन, जापान और स्विट्जरलैंड के बाद, भारत इस स्तर पर पहुंचने वाला चौथा देश बन गया है। हालांकि, चीन का भंडार भारत के मुकाबले लगभग पांच गुना है।
चीन, जो अमेरिका के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, का फॉरेक्स रिजर्व सबसे अधिक है। साल की पहली तिमाही में चीन के पास लगभग 3500 अरब डॉलर का भंडार था। जापान इस सूची में दूसरे स्थान पर है, जिसका फॉरेक्स रिजर्व लगभग 1,300 अरब डॉलर है। यूरोप का छोटा देश स्विट्जरलैंड तीसरे स्थान पर है, जिसके पास करीब 900 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है। वहीं, सोने के भंडार के मामले में अमेरिका सबसे आगे है, जिसके पास लगभग 8,133 टन सोना जमा है।
शक्तिकांत दास के कार्यकाल में बड़ी उछाल
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में अब तक की सबसे बड़ी साप्ताहिक वृद्धि अगस्त 2021 में हुई थी, जब यह 16.6 अरब डॉलर बढ़ा था। मार्च 2024 से अब तक विदेशी मुद्रा भंडार में 58.4 अरब डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि पिछले साल की तुलना में इसमें 117.9 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के कार्यकाल में मासिक वृद्धि की दर $4.2 अरब प्रति माह रही है, और उनके कार्यकाल के दौरान कुल $298 अरब की वृद्धि हुई है।