राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह
जयपुर। तिरंगे पर पूरे देश में हो रही राजनीति के बीच सोमवार को स्वतंत्रता दिवस पूरे प्रदेश में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वतंत्रता दिवस पर प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह दिन देश की आजादी के लिए चली लंबी लड़ाई में ज्ञात-अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग और बलिदान की याद दिलाता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की रहनुमाई में अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए भारत आगे बढ़ा है, इसीलिए विश्व में भारत का मान-सम्मान अलग पहचान रखता है। देश के मजबूत लोकतंत्र की पहचान को कायम रखने की हम सभी की बड़ी जिम्मेदारी है। भारतीय संविधान की मूल भावनाओं में डॉ. भीमराव अंबेडकर ने लोकतंत्र में समाजवाद, सर्वधर्म सदï्भाव की जो बात रखी, उसी ने 75 वर्षों में हमें एकजुट और अखंड बनाए रखा है और हमारा राष्ट्रीय ध्वज मजबूती से लहरा रहा है।
गहलोत सोमवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में आयोजित राज्यस्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने स्टेडियम में ध्वजारोहण कर परेड का निरीक्षण किया।
गहलोत ने कहा कि आजादी से पूर्व स्वतंत्रता दिलाने और आजादी के बाद भारतीय लोकतंत्र की रक्षा के लिए बलिदानों को हम कभी भूल नहीं सकते। इन्हीं की वजह से भारत हमेशा एकजुट रहा, जबकि कई देशों के टुकड़े हो गए। उन्होंने प्रदेशवासियों से स्वतंत्रता दिवस पर अपील की है कि हमें मिलकर आदिवासियों, दलितों के साथ भेदभाव को खत्म करना होगा। राज्य सरकार की मूल भावना भी सभी को समान अधिकार प्रदान करने की है। इस दौरान उन्होंन प्रदेश सरकार की ओर से अब तक किए गए कार्यों का भी उल्लेख किया।
इस अवसर पर स्कूली विद्यार्थियों, लोक कलाकारों ने लोकगीतों, नृत्य, बैंड वादन के जरिए देशभक्ति और लोक संस्कृति की छटा बिखेरी। अंत में राष्ट्रगान के साथ समारोह का समापन हुआ। समारोह में राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा, विधायकगण, अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी सहित गणमान्यजन उपस्थित रहे।
इससे पूर्व गहलोत ने बड़ी चौपड़ पर झंडारोहण कर ज्ञात-अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हुए कहा कि उनके लम्बे संघर्ष और समर्पण से देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली। आजादी के बाद देश में लोकतंत्र कायम हुआ। इस मुल्क में विभिन्न धर्म, सम्प्रदाय और जातियों के लोग रहते हैं। विभिन्न भाषाएं बोली जाती हैं। इतनी विविधता के बावजूद हमारे नेताओं ने सर्वधर्म समभाव, समाजवाद एवं धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों के साथ इस देश को एकजुट एवं अखण्ड रखा। इन सिद्धांतों पर चलते हुए ही हमें आगे भी देश की एकजुटता कायम रखनी होगी।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की महान परम्पराओं को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी हम सबकी है। देश की नई पीढ़ी को लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता तथा समाजवाद के संवैधानिक मूल्यों को आत्मसात कर देश-प्रदेश की उन्नति के लिए काम करना होगा। युवाओं को देश की आजादी का इतिहास पढऩा चाहिए, ताकि वे स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष, त्याग और बलिदान से रूबरू हो सके। इतिहास पढऩे से ही नई पीढ़ी जान सकेगी कि आजादी की कीमत क्या होती है और लोकतंत्र का क्या महत्व है।
गहलोत ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए संघर्ष के कारण ही आज हम एक आजाद देश में रह रहे हैं। हमारे पड़ोस में देखा गया कि देशों का विभाजन हुआ, सेना का शासन स्थापित हुआ परन्तु हमारे देश में लोकतंत्र लगातार मजबूत हुआ। विभिन्न भाषाओं, धर्मों और प्रांतों वाले हमारे देश में तरक्की के लिए शांति एवं एकजुटता आवश्यक है। प्रदेश में शांति एवं भाईचारे की महान परंपरा रही है। प्रदेशवासी आज के दिन यह संकल्प लें कि प्रदेश में सामाजिक समरसता, आपसी भाईचारा, अनेकता में एकता को सदैव बनाए रखेंगे।