भारत में परीक्षाओं में हुई गड़बड़ियों को लेकर सड़कों से लेकर कोर्ट रूम तक गरम है। लोग राजनीतिक बहसों में व्यस्त हैं। इस बीच भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने फैसला किया है कि अब NEET (UG) पेपर लीक मामले की व्यापक जांच कराई जाएगी और यह जांच सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) करेगी। सीबीआई इसके अलावा UGC-NET एग्जाम की जांच भी करेगी।
Ministry of Education entrusts the matter of alleged irregularities in NEET (UG) Examination 2024 to CBI for the comprehensive investigation. pic.twitter.com/KO95a5a8nD
— Ministry of Education (@EduMinOfIndia) June 22, 2024
परीक्षार्थियों ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सीबीआई और ई़डी जांच की मांग की थी। इस परीक्षा में शामिल हुए 10 विद्यार्थियों की ओर से दायर याचिका में बिहार पुलिस को मामले की जांच में तेजी लाने और सुप्रीम कोर्ट के सामने रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता परीक्षा रद्द होने के परिणामों से पूरी तरह वाकिफ हैं लेकिन उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
याचिका के अनुसार, ‘वर्ष 2024 की नीट-यूजी परीक्षा में कई अन्य अनियमितताएं थीं, खासकर उम्मीदवारों को समय पर प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने में अधिकारियों की ओर से घोर लापरवाही बरती गयी।’ याचिका में कहा गया है, ‘कुछ जगहों पर प्रश्नपत्रों का गलत सेट वितरित किया गया और बाद में वापस मांग लिया गया।’
अदालत ने एनटीए से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट नीट परीक्षा आयोजित करने में कथित अनियमितताओं पर बढ़ते आक्रोश के बीच पहले केंद्र, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) और अन्य से कई याचिकाओं पर जवाब मांगा था, जिनमें नीट-यूजी 2024 परीक्षा को रद्द करने और अदालत की निगरानी में जांच संबंधी याचिकाएं शामिल थीं। शीर्ष अदालत ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित इसी तरह की याचिकाओं पर आगे की कार्यवाही पर भी रोक लगा दी थी। हालांकि, अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया था कि वह काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाएगी।
परीक्षा पांच मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और लगभग 24 लाख उम्मीदवार इसमें शामिल हुए थे। परीक्षा परिणाम 14 जून को घोषित होने की उम्मीद थी, लेकिन इसे समय से पहले ही चार जून को घोषित कर दिये गये, क्योंकि आंसर शीट का मूल्यांकन पहले पूरा हो गया था। अनियमितताओं के आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए और प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला।