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भारत यूं ही कतर से नहीं ले रहा ये खास फाइटर जेट..!

भारत और कतर के बीच सेकंड हैंड मिराज 2000 लड़ाकू विमानों को लेकर बात चल रही है। कतर ने भारत को 12 मिराज लड़ाकू विमानों की पेशकश की है, जो बहुत ही अच्छी स्थिति में हैं। अगर कतर से सौदा होता है तो भारतीय बेड़े में मिराज 2000 की संख्या 60 हो जाएगी।
हाल ही में कतर ने भारत को एक दर्जन मिराज 2000 फाइटर जेट देने की पेशकश की है। मिराज लड़ाकू विमानों ने कारगिल युद्ध और बालाकोट एयर स्ट्राइक में पाकिस्तान के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया था। कतर की पेशकश ऐसे समय में आई है, जब भारतीय वायु सेना विमानों की कमी को भरने के लिए प्रयासरत है। बीते 21 जून को कतर के एक प्रतिनिधिमंडल ने विमानों की बिक्री को लेकर दिल्ली में भारतीय रक्षा अधिकारियों के साथ चर्चा की। एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, कतर ने 5000 करोड़ रूपये (600 मिलियन डॉलर) में 12 मिराज 2000 विमानों की पेशकश कर रहा है, जबकि भारत उन्हें अधिक उचित मूल्य पर प्राप्त करने के लिए इच्छुक है।
भारतीय रक्षा अधिकारियों ने एएनआई को बताया कि कतर ने विमान की वर्तमान स्थिति के बारे में प्रेजेंटेशन दिया है। कतरी अधिकारियों ने बताया है कि विमान बहुत अच्छी स्थिति में हैं। भारतीय वायुसेना मिराज 2000 के साथ इसकी अनुकूलता को ध्यान में रखते हुए इस प्रस्ताव पर विचार कर रही है, क्योंकि भारतीय संस्करण अधिक उन्नत है। चूंकि, भारतीय और कतरी जेट के इंजन एक जैसे हैं इसलिए उनका रखरखाव आसान होगा।
मिराज के रखरखाव के लिए पर्याप्त स्पेयर पार्ट्स
साल 2021 में एक फ्रांसीसी फर्म के साथ हुए सौदे की बदौलत भारतीय वायुसेना के पास अपने विमानों के रखरखाव के लिए पर्याप्त स्पेयर पार्ट्स और उपकरण हैं। ऐसे में अगर कतर से सौदा हो जाता है, तो प्।थ् के बेड़े में मिराज 2000 की संख्या 60 हो जाएगी। मिराज को चार दशक पहले भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था और यह आज भी मुख्य विमानों में से एक है। राफेल के शामिल होने से पहले तक मिराज-2000 दुश्मन के इलाके में हमला करने के लिए सबसे पसंदीदा और शक्तिशाली भारतीय जेट था। 1985 में शामिल होने के बाद से यह भारत के लिए भरोसेमंद विमान रहा है। अपग्रेड के साथ भारतीय वायु सेना 2040 तक मिराज जेट का उपयोग जारी रखेगी।
मिराज ने दिलाई है भारत को हमेशा जीत
भारतीय वायु सेना अपने इस भरोसेमंद लड़ाकू विमान की तारीफ करती रही है। एयर मार्शल आर नांबियार (रिटायर्ड) ने कारगिल युद्ध के दौरान मिराज 2000 से उड़ानें भरी थीं। उन्होंने 2019 में कहा था कि विमान का शामिल होना सटीकता और मारक क्षमता के मामले में भारतीय वायु सेना के लिए एक गेम चेंजर था। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध हो या बालाकोट एयर स्ट्राइक, मिराज 2000 ने देश को हमेशा निर्णायक जीत दिलाई है। भारत ही नहीं, मिराज-2000 के साथ फ्रांस को भी सफलता मिली है। इस विमान ने मिस्र, ग्रीस, ताइवान, पेरू, संयुक्त अरब अमीरात, ब्राजील और कतर में शानदार प्रदर्शन किया है।
ताइवान के एफ-16 पर पड़ा भारी
ताइवान मीडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2023 में फ्रांसीसी और ताइवानी वायु सेनाओं के बीच ताइवान के हुआलिएन में चियाशान वायु सेना बेस पर संयुक्त अभ्यास हुआ था। इस अभ्यास का उद्देश्य ताइवानी मिराज 2000 और थ्-16ट लड़ाकू पायलटों की हवाई युद्ध क्षमताओं को बढ़ाना था। इस अभ्यास के आश्चर्यजनक परिणाम सामने आए क्योंकि चार मिराज-2000 ने 5वें एफ-16 को अभ्यास में काल्पनिक रूप से मार गिराया।

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