देश आज अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वॉर मेमोरियल पहुंचे और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मोदी यहां 2 मिनट मौन भी रहे। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और फ्रांस के प्रेसिडेंट इमैनुएल मैक्रों बग्घी में कर्तव्य पथ के लिए रवाना हुए।
1984 के बाद ये पहली बार है, जब राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस कार्यक्रम के लिए बग्घी में रवाना हुईं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दूसरी बार राजपथ पर तिरंगा फहराया। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों चीफ गेस्ट रहे। समारोह स्थल पर करीब 13 हजार विशिष्ट अतिथि भी पहुंचे। इस बार गणतंत्र दिवस की थीम ‘विकसित भारत’ और भारत-लोकतंत्र की मातृका (जननी) रखी गयी। परेड का आगाज 100 महिला म्यूजिशियन ने शंख, नगाड़े और दूसरे पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ किया। 100 महिलाओं ने अपने पारंपरिक पहनावे में लोक नृत्य किया। इसके अलावा पहली बार, कर्त्तव्य पथ पर मार्च करते हुए सेना के तीनों अंगों की महिला सैन्य कर्मियों की टुकड़ी भी आकर्षण का केंद्र बनी। इसका नेतृत्व सैन्य पुलिस की कैप्टन संध्या ने किया।
फ्लाईपास्ट में एयरफोर्स के 51 एयरक्राफ्ट ने हिस्सा लिया। इनमें 29 फाइटर प्लेन, 7 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, 9 हेलिकॉप्टर और एक हेरिटेज एयरक्राफ्ट शामिल था। फ्लाईपास्ट में पहली बार फ्रांसीसी सेना के राफेल भी शामिल हुए। नयी दिल्ली हुए राष्ट्रीय समारोह के मौके पर विभिन्न राज्यों और विभागों की ओर से झांकियों का प्रदर्शन किया किया गया। तेजस, सुखोई और राफेल सहित 51 विमानों ने अपने आकाश में असाधारण करतब दिखाए। आर्मी के जाबांजों ने भी मोटरसाइकिलों पर अपने करतब दिखाये। समारोह में वे भी शामिल हुए जिनका जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में किया था। भारत ने इस दौरान अपनी जिस सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया उसमें मिसाइल, लड़ाकू विमान, निगरानी उपकरण और घातक हथियार प्रणाली शामिल थे।
भारत के 75वें गणतंत्र दिवस समारोह के इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कई अन्य केंद्रीय मंत्री, देश के शीर्ष सैन्य अधिकारी, विदेशी राजनयिक और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। घने कोहरे के बावजूद बड़ी संख्या में दर्शक भी पहुंचे। परेड के संपन्न होने पर मुर्मू और मैक्रों के रवाना होने के तुरंत बाद बहुरंगी ‘बांधनी’ प्रिंट का साफा पहने प्रधानमंत्री मोदी कर्तव्य पथ पर पैदल ही चले और वहां मौजूद लोगों की ओर हाथ हिलाकर उनका अभिवादन किया। वे जब भी लोगों के निकट से गुजरे, उन्होंने तालियों बजाकर और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाकर उनका स्वागत किया।