अक्टूबर में विदेशी निवेशक तेजी से भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकालकर चीन के बाजार में निवेश कर रहे हैं। अब तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय बाजार से 58,711 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए हैं। सितंबर के अंत तक एफपीआई का भारतीय बाजार में कुल निवेश 1,00,245 करोड़ रुपये था, जो अब घटकर 41,899 करोड़ रुपये रह गया है, यानी आधे से ज्यादा पूंजी निकाली जा चुकी है। इसका परिणाम यह रहा कि बीते हफ्ते शेयर मार्केट में निफ्टी 50 अंक या 0.20 फीसदी गिरकर 24,964 और सेंसेक्स 307 अंक या 0.38 फीसदी गिरकर 81,381 पर बंद हुआ।
विदेशी निवेशक चीन के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज से आकर्षित हो रहे हैं, जिसे चीन ने अपनी अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए पेश किया है। इस पैकेज के तहत चीन बैंकों और अन्य प्रमुख सेक्टर्स को मजबूती देना चाहता है, जिससे विदेशी निवेशकों को वहां ज्यादा संभावनाएं नजर आ रही हैं। इसके चलते ये निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकालकर चीनी बाजार की ओर रुख कर रहे हैं।
सितंबर में एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार में 57,724 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जबकि अगस्त में 7,322 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे। जुलाई में यह आंकड़ा 32,359 करोड़ रुपये था, जबकि जनवरी में निवेशकों ने 25,744 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे, जिससे साल की शुरुआत नकारात्मक रही थी।
हालांकि, घरेलू निवेशकों ने इस स्थिति को संभाला है। शुक्रवार को विदेशी निवेशकों द्वारा 4,162.66 करोड़ रुपये के शेयर बेचने के बावजूद घरेलू निवेशकों ने 3,730.87 करोड़ रुपये के शेयर खरीदकर बाजार में स्थिरता बनाए रखी।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने बताया कि चीन की मौद्रिक और राजकोषीय नीतियों के चलते विदेशी निवेशक “भारत से बेचो, चीन में खरीदो” की रणनीति अपना रहे हैं, जिससे भारतीय बाजार में बिकवाली का दौर जारी है।