कारोबारमुम्बई

‘फिच’ ने घटाई US की क्रेडिट रेटिंग लेकिन असर दिखा भारतीय शेयर बाजार पर, एक ही दिन में निवेशकों के 3.51 लाख करोड़ डूबे

अमेरिकी रेटिंग घटने का नकारात्मक असर दुनियाभर के शेयर बाजारों पर देखने को मिला। बुधवार ,02 अगस्त को एशियाई और यूरोपीय बाजारों में बड़ी गिरावट का असर भारतीय शेयर बाजार में चौतरफा बिकवाली के रूप में देखने को मिला। आज के कारोबार में सेंसेक्स 1,000 तो निफ्टी (Nifty) 300 अंक नीचे चला गया। सेंसेक्स फिसलकर 66000 के नीचे आ गया। हालांकि, निचले स्तर से बाजार में 400 अंकों के करीब रिकवरी आई। बावजूद BSE Sensex 676 अंकों की गिरावट के साथ 65,782 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 207 अंकों की गिरावट के साथ 19,514 अंकों पर बंद हुआ।
निवेशकों को भारी नुकसान
भारतीय शेयर बाजार में आई गिरावट की वजह से निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है। BSE पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप (Market Cap) 303.29 लाख करोड़ रुपए पर बंद हुआ, जबकि पिछले ट्रेडिंग सेशन में मार्केट कैप 306.80 लाख करोड़ रुपए रहा था। आसान शब्दों में कहें तो 2 अगस्त के कारोबार में निवेशकों के 3.51 लाख करोड़ रुपए डूब गए।
सभी सेक्टर के शेयर में आई गिरावट
बुधवार के कारोबार में सभी सेक्टर के स्टॉक में गिरावट देखने को मिली। एक तरफ जहां बैंक निफ्टी (Bank Nifty) 1.21 प्रतिशत तो एनर्जी सेक्टर के शेयर में 1.61 फीसद की गिरावट दर्ज की गई। ऑटो जहां 1.64 फीसदी तो आईटी 0.81 फीसदी, फार्मा 0.19 फीसदी और मेटल्स में 2.01 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी का मिड कैप इंडेक्स 1.24 फीसद तथा स्मॉल कैप 1.73 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के 30 शेयरों वाले सेंसेक्स में महज 4 शेयर ही ऐसे रहे जिसमें तेजी देखी गई। जबकि, 26 शेयरों में गिरावट रही। वहीं, निफ्टी के 50 शेयरों में 7 शेयर तेजी के साथ बंद हुए, जबकि 43 में गिरावट रही।
‘फिच’ ने क्या कहा कि शेयर बाजार गिरा
दरअसल, क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ‘फिच’ (Fitch) ने अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग को ‘AAA’ से घटाकर ‘AA+’ कर दिया है। फिच ने अगले 3 वर्षों तक अमेरिका के वित्तीय हालत (US Financial Condition) में गिरावट की आशंका जताई है। रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा है कि, बीते 20 वर्षों में गर्वेंनेंस के स्टैंडर्ड में गिरावट आई है। जिसमें वित्तीय तथा डेट से जुड़े मामले भी शामिल हैं। रेटिंग एजेंसी के इस फैसले के बाद एशियाई तथा यूरोपीय शेयर बाजारों में भूचाल आ गया। भारी गिरावट दर्ज की गई। इसी का असर भारतीय शेयर बाजारों पर भी देखने को मिला। फिच के रेटिंग घटाने का असर बाजार के सेंटीमेंट पर नजर आया।

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