अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक जल्द ही अपना जेट इंजन प्लांट भारत में स्थापित करने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान इस डील पर सहमति बनने के आसार हैं। इन इंजनों के तेजस एमके-2 विमानों में लगाया जाएगा। पीएम मोदी जून में अमेरिका की यात्रा करने वाले हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे पर तेजस के इंजन को भारत में बनाने की डील फाइनल हो सकती है। अभी तक भारत के स्वदेशी लड़ाकू वमान तेजस में अमेरिका के जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) के इंजन लगते हैं। अब जीई की योजना भारत में लड़ाकू जेट इंजन बनाने की है। यह डील भारत और अमेरिका के बीच गवर्मेंट टू गवर्टमेंट होने वाली है। इस डील को अगले हफ्ते अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन की भारत यात्रा के दौरान अंतिम रूप दिया जा सकता है। ऑस्टिन के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मुलाकात के दौरान दोनों देशों में जनरल एटॉमिक्स से 30 एमक्यू-9बी आर्म्ड ड्रोन खरीदने पर भी सहमति बन सकती है। सूत्रों के अनुसार, इस मुलाकात के दौरान भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एयर इंफॉर्मेशन शेयरिंग समझौते पर भी चर्चा हो सकती है।
भारत में इंजन बनाना चाहती है अमेरिकी कंपनी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जनरल इलेक्ट्रिक की सहायक कंपनी जीई एयरोस्पेस भारत में जेट इंजन प्रौद्योगिकी विकसित करने की योजना पर एक साल से अधिक समय से चर्चा कर रही है। संभावना है कि इस सौदे की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगले महीने अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान की जा सकती है।
21 से 24 जून तक अमेरिका यात्रा पर पीएम
पीएम मोदी 21 से 24 जून तक अमेरिका की आधिकारिक राजकीय यात्रा पर जाएंगे, जहां उनकी मेजबानी व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति जो बाइडेन खुद करेंगे। इस साल जनवरी में वाॅशिंगटन में यूएस-इंडिया इनिशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज (आईसीईटी) पर हुई बातचीत के बाद व्हाइट हाउस ने कहा था कि उसे भारत में संयुक्त रूप से विमान इंजन बनाने के लिए जीई से एक आवेदन मिला है। आईसीईटी के पहले दौर की बैठक वाशिंगटन डीसी में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और उनके अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन के बीच हुई थी।
114 मल्टीरोल फाइटर जेट बनने की योजना
भारत पहले से ही विदेशी निर्माताओं के साथ मिलकर 114 मल्टीरोल फाइटर जेट बनने की योजना बना रहा है। अमेरिका ने यह भी कहा है कि वह भारत के साथ जेट इंजन प्रौद्योगिकी के पूर्ण हस्तांतरण के लिए तैयार है। इसकी घोषणा अमेरिकी वायुसेना के सचिव फ्रैंक केंडल ने मार्च में अपनी भारत यात्रा के दौरान की थी। तब उनकी मुलाकात एनएसए डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से हुई थी।
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