जयपुर। राजस्थान में खारे पानी की सबसे बड़ी सांभर झील के संरक्षण के लिए सरकार की ओर से प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने अधिकारियों को कहा है कि सांभर झील में अवैध बोरिंग, बिजली कनेक्शन और अतिक्रमण तत्काल हटाएं और झील में प्रदूषण रोकने के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अवैध नमक खनन करने वालों के विरुद्ध पुलिस कार्रवाई की जाए और यह भी सुनिश्चित करें कि एक बार कनेक्शन हटाने के बाद दुबारा नहीं हों।
मुख्य सचिव ने गुरुवार को शासन सचिवालय में वीसी के माध्यम से आयोजित सांभर झील से संबंधित स्टेण्डिग कमेटी की बैठक में यह बात कही। आर्य ने सांभर झील की वर्तमान स्थिति की समीक्षा और झील के इर्द-गिर्द हो रहे अवैध नमक खनन और अन्य अवैध गतिविधियों को लेकर चिन्ता जताई। उन्होंने नागौर और अजमेर जिला कलेक्टर को अवैध विद्युत कनेक्शन तुरन्त प्रभाव से हटाने और अभियान चलाकर इस क्षेत्र को अतिक्रमण और अवैध गतिविधियों से मुक्त करने के निर्देश दिए।
आर्य ने अवैध नमक खनन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पाइप लाइनें, सबमर्सीबल पम्प सैटों को जप्त करने के लिए बिजली एवं पुलिस विभाग के समन्वय से कार्रवाई करने, दोषियों के खिलाफ तुरंत एफआईआर कराने, अधिकारियों द्वारा झील क्षेत्र में लगातार पैट्रोलिंग और मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि झील में प्रदूषण रोकने के लिए एसटीपी लगाया जा सकता है तथा नमक निकालने के बाद बचे हुए वेस्ट सोडियम सल्फेट का उद्योगों के लिए उपयोग खोजकर उचित डिस्पोजल किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सा अधिकारियों की ट्रेनिंग के माध्यम से कैपेसिटी बिल्डिंग का काम किया जाए, जिससे झील पर आने वाले प्रवासी पक्षियों में किसी भी प्रकार की बीमारी का लक्षण मिलते ही तत्काल कदम उठाए जा सकें। झील के संरक्षण के लिए यह भी जरूरी है कि लेक बैड पर गाड़ियों की आवाजाही पर रोक लगाई जाए। इस दौरान झील के एनुअल मैंनेजमैंट प्लान पर भी विस्तार से चर्चा हुई।