नई दिल्ली। इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध के बीच, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को गाजा का अप्रत्याशित दौरा किया। उनके साथ इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट और सेना प्रमुख भी मौजूद थे। गाजा की धरती पर कदम रखते हुए नेतन्याहू ने साफ संदेश दिया कि युद्ध के बाद गाजा पर हमास का शासन पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। उन्होंने बंधकों की सुरक्षित वापसी का आश्वासन देते हुए इस दिशा में बड़ा ऐलान भी किया।
नेतन्याहू का संकल्प: गाजा से हमास का अंत
गाजा दौरे के दौरान नेतन्याहू ने कहा कि इस युद्ध के बाद हमास का गाजा पर कोई नियंत्रण नहीं रहेगा। उन्होंने इजरायली सेना की प्रगति की सराहना करते हुए दावा किया कि हमास की सैन्य क्षमताओं को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर इस दौरे का एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें वे बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट पहने नजर आए। वीडियो में नेतन्याहू समुद्र के किनारे खड़े होकर कहते हैं, “हमास अब कभी लौटकर नहीं आएगा।”
बंधकों की वापसी के लिए बड़ा ऐलान
नेतन्याहू ने गाजा में बंधक बनाए गए इजरायलियों की रिहाई को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि गाजा में अब भी लापता 101 इजरायली नागरिकों की तलाश जारी है। उनकी वापसी सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने प्रत्येक बंधक की सुरक्षित वापसी पर 50 लाख डॉलर (लगभग 42 करोड़ रुपये) के इनाम की घोषणा की। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “जो भी हमारे बंधकों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा, उसकी मौत तय है। हम उसे ढूंढ निकालेंगे और उसे खत्म कर देंगे।”
गाजा दौरे का उद्देश्य
गाजा दौरे का उद्देश्य इजरायली सेना के जमीनी अभियानों की समीक्षा करना और युद्ध के मोर्चे पर सेना का मनोबल बढ़ाना था। नेतन्याहू ने यह दौरा ऐसे समय में किया जब गाजा में इजरायली सेना ने हमास के ठिकानों पर सबसे बड़ा हमला किया है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इन हमलों में अब तक 44,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और लगभग 1 लाख लोग घायल हुए हैं। वहीं, हमास के हमले में 1,200 से ज्यादा इजरायली मारे गए थे, और 250 से अधिक लोग बंधक बना लिए गए थे।
हमास पर इजरायल का प्रहार जारी
युद्ध की शुरुआत से ही इजरायल ने हमास के कई शीर्ष नेताओं को निशाना बनाया है। इजरायली सेना लगातार हमास को कमजोर करने के लिए बड़े हमले कर रही है। प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि उनकी सरकार हमास को पूरी तरह खत्म करने के अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटेगी।
पश्चिमी देशों का समर्थन और ईरानी विरोध
इजरायल और उसके पश्चिमी सहयोगी हमास को आतंकवादी संगठन मानते हैं। वहीं, लेबनान स्थित हिज़बुल्लाह और ईरान जैसे देश हमास को समर्थन देते रहे हैं। नेतन्याहू ने गाजा दौरे के दौरान यह स्पष्ट किया कि इजरायल अपने नागरिकों की सुरक्षा और क्षेत्र में स्थिरता के लिए हर संभव कदम उठाएगा।
नेतन्याहू का यह दौरा गाजा संघर्ष के बीच एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। उनकी घोषणा से यह स्पष्ट हो गया है कि इजरायल का लक्ष्य केवल बंधकों की वापसी ही नहीं, बल्कि गाजा में हमास के शासन का अंत करना है।