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राजस्थान में सस्ती बजरी उपलब्ध करवाने का ‘खास प्लान’

जयपुर में खुली बजरी की कीमत 1200 से 1500 रुपए प्रति टन है। पर्यावरण की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनास नदी में बजरी खनन पर रोक लगाने के बाद, राजस्थान सरकार 23 जुलाई से 48 नए पट्टों की नीलामी करके बजरी की कीमतों को 400 रुपए प्रति टन तक कम करने की योजना बना रही है।
राजस्थान में भजनलाल सरकार निर्माण कार्य करवाने वाले आमजन को बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है, जो लोगों के लिए बड़ी सौगात होगी। इसके लिए सरकार बजरी की दरें कम हो, इसकी कवायद कर रही है। इसके बाद राजस्थान में लोगों को वर्तमान बजरी की दर से 400 रुपए कम में बजरी मिलेगी, जो आमजन के लिए बड़ी राहत है। इसको लेकर अब राज्य सरकार बजरी खनन के लिए 48 नए पट्टे नीलाम करने की तैयारी कर रही हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार बजरी की नई दरें भी लागू करेगी।
वर्तमान दर से 400 रुपए कम में मिल सकती है बजरी
आमजन को सुलभ और सस्ती बजरी मिले, इसके लिए भजनलाल सरकार कवायद करने जा रही है। इसके चलते बजरी खनन के लिए 48 नए पट्टों को नीलाम किया जाएगा। इसके बाद आमजन को सस्ती दर पर बजरी मिल सकेगी। वर्तमान में बजरी 450 से 750 रुपए प्रति टन के हिसाब से मिल रही है। वही जयपुर की बात करें, तो खुली बजरी 1200 से 1500 रुपए तक प्रति टन के हिसाब से मिलती है। इस स्थिति में नए पट्टों की नीलामी होने के बाद बजरी की दरों में काफी कमी आएगी। अनुमान लगाया जा रहा है कि इसके बाद आमजन को वर्तमान दरों से 400 रुपए सस्ती बजरी मिल सकेगी।
23 जुलाई से बजरी पट्टों के नीलामी की संभावना
लोगों को सस्ती दर पर बजरी मिले इसके लिए सरकार 48 नए पट्टों का नीलाम करने जा रही हैं। इस दौरान 100 हेक्टेयर तक बजरी के पट्टों की नीलामी होगी। बताया जा रहा है कि यह नीलामी 23 जुलाई से शुरू होगी। इसके साथ ही सरकार बजरी की नई दरे भी तय करेगी। वर्तमान में 50 से 55 रुपए प्रति टन रॉयल्टी दर वसूली जा रही है। संभावना जताई जा रही है कि नई दरों के हिसाब से रॉयल्टी से चार गुना ही बजरी की दरे तय होगी। यदि ऐसा हुआ, तो लोगों को प्रति टन 400 रुपए सस्ती बजरी मिल सकेगी।
इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने बजरी खनन पर लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने 16 नवंबर 2017 को बजरी खनन पर राजस्थान में रोक लगा दी थी। इसके बाद 31 मार्च 2018 को बजरी खनन के सभी एलओआई को निर्धारित अवधि पूर्ण होने पर खत्म कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने बनास नदी में धड़ल्ले से हो रहे बजरी खनन को पर्यावरण के लिए हानिकारक माना। अंधाधुंध बजरी खनन होने से नदियों का जलस्तर इसके कारण प्रभावित हुआ है। इसके कारण ही सुप्रीम कोर्ट ने बजरी खनन पर रोक लगा दी। खनन पर रोक के कारण अवैध बजरी कारोबार खूब पनपा। इसके चलते ही बजरी की दरे काफी महंगी हो गई। इसको लेकर कई बार पुलिस की भी बजरी खनन माफियाओं के साथ मिली भगत के मामले सामने आ चुके हैं।

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