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जयपुर के एक जनाजे (funeral) में भीड़ः कोरोना एडवाइजरी (corona advisory) की सबसे ज्यादा धज्जियां गहलोत सरकार एवं कांग्रेस पार्टी के नुमाइंदों ने उड़ाईं: राजस्थान भाजपा

राजस्थान की राजधानी जयपुर के रामगंज इलाके में कोरोनाकाल में एक जनाजे (funeral) में उमड़ी भीड़ को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने सत्तारूढ़ कांग्रेस को निशाने पर लिया है और एक समुदाय विशेष के लिए तुष्टिकरण की सारी हदें पार करने का आरोप लगाया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने कहा कि कोरोना की इस वैश्विक महामारी में बचाव  के लिये गाइडलाइन का पालन करते हुये मास्क, सेनेटाइज व सोशल डिस्टेंसिंग पर सभी को विशेष ध्यान देने की जरूरत है लेकिन राज्य में अशोक गहलोत की सरकार व उनकी पार्टी के नुमाइंदों ने कोरोना एडवाइजरी की सबसे ज्यादा धज्जियां उड़ाईं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां

डॉ. पूनियां ने कहा कि जयपुर की सड़कों पर जनाजे में हजारों लोगों के हुजूम का जो दृश्य दिखा, वो पहला मसला नहीं था, इससे पहले भी कांग्रेस के जिम्मेदार लोगों में से एक मंत्री के पिताजी के जनाजे में इसी तरह से लोग इकट्ठे हुए थे। इसके बाद सोमवार, 31 मई जो जयपुर में हुआ, ऐसी अनकों घटनाएं कांग्रेस के लोगों की उपस्थिति में हुई हैं, बहुत बार देखा गया है कि इनके जिम्मेदार नेता बिना मास्क के शादियों में शिरकत करते हैं और इस वजह से संक्रमण भी बड़ी तादाद में फैला, जिसको गहलोत सरकार रोकने में विफल रही।

डॉ. पूनियां का कहना है कि लॉकडाउन को लेकर राज्य सरकार केवल प्रयोग करती रही और उसके लम्बे-लम्बे नाम रखती गई लेकिन उसकी अनुपालना सख्ती से नहीं हुई। जब सरकार का इकबाल खत्म होता है, मुखिया जब निरपेक्ष नहीं होता है तो इस तरीके की घटनाएं होती हैं, जयपुर की घटना भी सरकार के तुष्टिकरण का बड़ा प्रमाण है क्योंकि बसेडी में पूर्व विधायक सुखराम कोली ने सुंदरकाण्ड का पाठ अपने घर पर किया तो उन्हें गिरफ्तार किया गया और दूसरी तरफ मंत्री सालेह मोहम्मद के पिताजी के जनाजे में लोगों की भीड़ थी लेकिन उन पर कोई भी कार्यवाही नहीं हुई।

कुछ एफआईआर करके लीपापोती करने की कोशिश हुई, गहलोत सरकार में ईमान होता तो शायद ये नहीं होता। उन्होंने कहा कि जयपुर में उमड़ी भीड़ की घटना कोरोना के कुप्रबंधन के प्रति सरकार के नजरिये व उदासीनता को दिखाती है।

किसी का भी देहांत होना दुखद है किंतु तुष्टिकरण की राजनीति का हम विरोध करते हैः कर्नल राज्यवर्धन सिंह

जयपुर ग्रामीण सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौर

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्धन ने भी समाजसेवी हाजी रफअत अहमद के जनाजे में तीन हजार लोगों के एकत्र होने को कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति बताते हुए की तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के इस दौर में किसी का भी देहांत होना बहुत दुःख की बात है। हम अपनी संवेदना प्रकट करते हैं उनके परिवार और समुदाय के लिए। लेकिन ये जो तुष्टिकरण की राजनीति है जहां अलग-अलग समुदाय के लिए अलग-अलग कानून है, ये बिल्कुल गलत है और हम इसका विरोध करते है।

धर्म विशेष के लोगों को छूट देने की मानसिकता गलतः कटारिया

राजधानी में जनाजे में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ने पर नेता प्रतिपक्ष गुलाचंद कटारिया ने भी गहलोत सरकार को निशाने पर लिया और कहा कि सरकार की नाक के नीचे भीड़ उमड़ी और उसमें जनप्रतिनिधि भी शामिल रहे। दूसरी ओर जैन समाज के संत के अंतिम दर्शनों के लिए कुछ लोग आ गए तो सरकार ने दुनियाभर की पुलिस वहां तैनात कर दी। धर्म तो सभी के समान ही हैं, धर्म विशेष के लोगों को ही छूट देने की सरकार की यह मानसिकता क्या साबित कर रही है?

गौरतलब है कि 31 मई को वाहिद मेमोरियल सोसायटी के सदर हाजी रफत ह्रदय गति रुकने से देहांत हो गया था और उनके जनाजे जयपुर के रामगंज इलाके से घाटगेट कब्रिस्तान ले जाया गया। उनके जनाजे में हजारों लोग इकट्ठा हुए थे। इस जनाजे में कोरोना प्रोटोकॉल का ध्यान नहीं रखा गया था। इस बात को लेकर जब हंगामा हुआ और कर्नल राज्यवर्धन सिंह सहित कई अन्य नेताओं ने और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पुलिस प्रशासन की तीखी आलोचना की तो 1 जून को रामगंज थाना अधिकारी बीएल मीणा ने एपिडेमिक एक्ट के तहत एक दर्जन लोगों सहित अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।  इसके अलावा मृतक के परिजन के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हुआ है।

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