राजस्थान में नवगठित जिलों को लेकर रार थमने का नाम नहीं ले रही है। एक तरफ कई कस्बों को जिला बनाने की मांग को लेकर आंदोलन जारी है। वहीं, दूसरी तरफ गहलोत सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने एलान किया है कि जयपुर को किसी भी सूरत में दो जिलों में नहीं बांटा जाएगा।
अशोक गहलोत सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने दावा किया है कि गुलाबी नगरी जयपुर का दो जिलों में बंटवारा नहीं होगा। खाचरियावास के मुताबिक जयपुर शहर को उत्तर और दक्षिण जिलों में नहीं बांटा जाएगा। खाचरियावास ने कहा कि हमारा जयपुर शहर पहले की तरह ही एक शहर रहेगा। जयपुर हमारी राजधानी रहेगा। जयपुर वर्ल्ड हेरिटेज सिटी है। इसे गोविंद देव जी का ठिकाना कहा जाता है। इस शहर का मूल स्वरूप पिछले 300 साल से बरकरार है। इसीलिए जयपुर को यूनेस्को की ओर से वर्ल्ड हेरिटेज सिटी का खिताब भी दिया गया था।
गहलोत सरकार का था फैसला
कुछ दिन पहले सीएम अशोक गहलोत ने राजस्थान में 19 जिले के बनाने का एलान किया था। इसमें राजधानी जयपुर को भी तोड़कर जयपुर उत्तर और जयपुर दक्षिण जिले बनाने का एलान किया गया था। सीएम के इस एलान से राजस्थान में जिलों की संख्या 33 से बढ़कर 50 कर दी गई थी। लेकिन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने शुक्रवार को साफ एलान कर दिया कि जयपुर शहर का बंटवारा जयपुर उत्तर और दक्षिण के रूप में नहीं किया जाएगा। बकौल खाचरियावास जरुरत पड़ने पर जयपुर का प्रशासनिक ढांचा बदला जा सकता है। ज्यादा पुलिस अधिकारी लगाये जा सकते हैं। ज्यादा कलेक्टर लगाये जा सकते हैं। लेकिन जयपुर शहर एक ही शहर रहेगा।
मंत्री और विधायकों की भी राय नहीं ली गई थी
खाचरियावास ने कहा कि हम इसे पहले से गुलाबी नगरी के रूप में जानते हैं। जयपुर के नगर निगम हैरिटेज और ग्रेटर के सभी 250 वार्ड हमारे इसी अविभाजित जयपुर शहर में शामिल रहेंगे। इस दौरान प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस बात को भी माना कि जनता का मन जाने बिना ये फैसला अधिकारियों द्वारा ले लिया गया था। इसमें मंत्री और विधायकों की भी राय नहीं ली गई थी।
सभी नये जिलों विशेषाधिकारी लगाए
खाचरियावास ने कहा कि उनकी इस मामले में सीएम गहलोत से बात हो गई है कि जयपुर को नहीं बांटा जाएगा। इसलिए सीएम की ओर से सभी नये जिलों विशेषाधिकारी लगा दिए गए हैं। लेकिन जयपुर उत्तर दक्षिण के लिए कोई विशेषाधिकारी नहीं लगाया गया है। उल्लेखनीय है कि सीएम अशोक गहलोत की ओर 19 नए जिलों के एलान के बाद से ही जयपुर शहर को दो जिलों में बांटे जाने का कई स्तरों पर विरोध सामने आया था। वहीं कई कस्बों को जिले नहीं बनाए जाने से वहां आंदोलन चल रहे हैं।