दिल्लीराजनीति

फारुक अब्दुल्ला बोले कि आतंकियों को मारा ना जाए, उन्हें गिरफ्तार किया जाए..

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर में बढ़ते आतंकी हमलों की जांच की मांग करते हुए संदेह जताया कि इन हमलों के पीछे नई सरकार को अस्थिर करने की साजिश हो सकती है। उनकी पार्टी की सरकार बनने के बाद से घाटी में आतंकी गतिविधियों में वृद्धि देखी जा रही है। फारूक अब्दुल्ला ने यह भी सुझाव दिया कि आतंकियों को मारा न जाए बल्कि गिरफ्तार किया जाए ताकि उनसे पूछताछ के जरिए आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके।
फारूक अब्दुल्ला ने बयान में कहा, “यह जांच की जानी चाहिए कि यह कैसे हो रहा है। मेरे मन में संदेह है कि क्या यह उन लोगों द्वारा किया जा रहा है जो सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं… अगर आतंकियों को पकड़ा जाएगा तो हमें उनके पीछे कौन है, यह जानने में मदद मिलेगी। उन्हें मारने के बजाय, हमें पूछताछ करनी चाहिए कि उनके पीछे कौन लोग हैं। यह जांच होनी चाहिए कि क्या कोई एजेंसी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है।” उनके इस बयान को समाचार एजेंसी एएनआई ने प्रकाशित किया।
पिछले महीने उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में नई सरकार ने शपथ ली थी, और तब से घाटी में पांच आतंकी हमले हो चुके हैं। फारूक अब्दुल्ला की इस मांग को शरद पवार का भी समर्थन मिला, जिन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय को उनके बयान को गंभीरता से लेना चाहिए। बारामती में पवार ने कहा, “फारूक अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के सबसे वरिष्ठ नेता हैं। उन्होंने अपना जीवन कश्मीर के लोगों की सेवा में समर्पित किया है। यदि ऐसे नेता कोई बात कह रहे हैं, तो केंद्र सरकार, विशेष रूप से गृह मंत्रालय को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और स्थिति का समाधान ढूंढना चाहिए।”
हालांकि, भाजपा ने फारूक अब्दुल्ला पर हमला करते हुए कहा कि उन्हें पहले से ही पाकिस्तान की भूमिका का पता है, जो क्षेत्र में आतंकवाद फैला रहा है। भाजपा अध्यक्ष रवींद्र रैना ने एएनआई से कहा, “फारूक अब्दुल्ला जानते हैं कि यह आतंकवाद पाकिस्तान से आ रहा है। यह सर्वविदित है। इसमें जांच की क्या जरूरत है?” उन्होंने कहा, “हम सबको अपनी सेना, पुलिस और सुरक्षा बलों का समर्थन करना चाहिए और मानवता के दुश्मनों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना चाहिए।”
भाजपा नेता कविंदर गुप्ता ने फारूक अब्दुल्ला के बयान को ‘गैरजिम्मेदाराना’ करार देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांति सुरक्षा एजेंसियों के कार्यों के कारण है और ऐसी स्थिति में किसी नेता को इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए।
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कानून व्यवस्था बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है। ओवैसी ने कहा, “केंद्र सरकार को पाकिस्तान से आने वाले आतंकियों को रोकना चाहिए। यह मोदी सरकार की विफलता है कि वे इन आतंकियों को रोकने में असफल हो रही है।”
पिछले शुक्रवार को बडगाम जिले के मझामा इलाके में आतंकियों ने दो गैर-स्थानीय लोगों पर हमला कर दिया था। घटना के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया और हमलावरों की तलाश की। घायल व्यक्तियों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया, और उनकी स्थिति स्थिर है।

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