जानकी नवमी (Thursday, 16 May) पर जयपुर शहर में सेवा भारती समिति राजस्थान के तत्वावधान में अनूठा एवं भव्य सामूहिक सर्वजातीय विवाह समारोह आयोजित किया गया। समारोह में एक ही मण्डप के नीचे अलग-अलग जाति के दूल्हा-दूल्हन परिणय सूत्र में बंधे। भारतीय संस्कृति के अनुरूप 45 जोड़ों का विधि विधान से विवाह सम्पन्न हुआ। इस विवाह समारोह में 7 अन्तरजातीय सहित कुल 15 जातियों के जोड़े विवाह बंधन में बंधे। इसमें एक वर द्वारा विधवा से शादी की जो कि समाज के लिए एक उदाहरण भी था।
सर्वजातीय सामूहिक विवाह समारोह के माध्यम से सामाजिक समरसता, सादगी, समर्पण का दृश्य देखने को मिला । जहाँ आधुनिकता के चलते लोग लाखों रूपये खर्च करते है वहीं इस विवाह से सादगी का एक उदाहरण मिला।
सामूहिक निकासी, एक साथ तोरण
एक साथ 45 घोड़ियों पर दूल्हों की निकासी अग्रवाल केटर्स, विधाधर नगर से प्रारम्भ होकर विवाह स्थल पहुंची, द्वार पर दूल्हों का स्वागत महिला कार्यकर्ताओं द्वारा पुष्प वर्षा से किया गया। इसके बाद एक साथ सभी ने तोरण मारने की परम्परा का निर्वहन किया। इस दौरान बड़ी संख्या में वर वधु पक्ष लोगों के साथ समाज के अन्य गणमान्य नागरिक भी मोजूद रहे। तोरण के बाद सभी दूल्हा दूल्हन मंच पर पहुंचे जहां दूल्हा-दूल्हन की वरमाला संस्कार सम्पन्न कराया गया।
राम जानकी विवाह समारोह में पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक निम्बाराम ने मंचासिन संतों को नमन करते हुए नवविवाहित जोड़ों को शुभकामना संदेश दिया। उन्होंने कहा भगवान राम के जीवन से प्रेरणा लेते हुए पूर्वजों की परम्परा ओैर संस्कारों को लेकर आदर्श हिन्दू परिवार की स्थापना करने का संकल्प ले और आगे बढ़े। इस दौरान उन्होंने सेवा भारती के कार्य की सराहना करते हुए कहा सेवा भारती कोई अलग से संस्था नहीं है। यह सर्व समाज का एक संगठन है जो अभावग्रस्त क्षेत्र जहां शिक्षा, स्वास्थ्य, संस्कार और रोजगार, स्वावलम्बन जैसे प्रकल्प संचालित करती है। उन्होंने कहा आज का यह कार्यक्रम कई विषयों को लेकर एक संदेश सब तक पहुंचाने वाला है हमे पर्यावरण, सामाजिक समरसता, नागरिक शिष्टाचार के तहत अनुशासन का ध्यान रखना होगा।
समरसता का लिया संकल्प
45 जोड़ो के लिए 45 वेदियाँ बनाई गई। जहां दूल्हा-दूल्हन का पाणिग्रहण संस्कार सम्पन्न करवाया गया। हर वेदी पर 2-2 पण्डितों ने मंत्रोच्चार के साथ विधि विधान के साथ मंत्रोच्चार के साथ विवाह संस्कार सम्पन्न कराया । फेरों के बाद अशीर्वाद दिया गया। जिसमें वर-वधुओं ने संकल्प लिया वो सामाजिक समरसता के लिए काम करेंगे।
संतो का मिला आशीर्वाद
श्री खोजी द्वाराचार्य श्री श्री 1008 श्री रामरिज्याल दास महाराज (विवेणी धाम), श्री महापीठाधीश्वर काठियापरिवाराचार्य अनन्त श्री विभूषित स्वामी श्री रामरतनदेवाचार्य श्री महाराज, डाकोर धाम, गुजरात, वेदाती हरिशकर दास महाराज, सियाराम दास महाराज श्री धन्ना पाठीधीश्वर, श्री श्री 1008 बजरंग देवाचार्य महाराज श्रीराम धाम आश्रम, तामड़िया (निवाई), पूज्य संत श्री मुरली मनोहर अकिचन महाराज जयपुर नव दम्पत्तियों को मंगल आशीष प्रदान किया।
वर-वधुओं को दिया उपहार
सेवा भारती समिति राजस्थान की ओर से प्रत्येक वर वधु को उपहार दिये गये। उपहारों में पलंग, गद्दा, तकिये, अलमारी, सिलाई मशीन, कूलर, प्रेस, बर्तन, मिक्सी, बेडशीट, कंगन, पायल, मंगलसूत्र, नाक की लॉग, बिछिया, सुहाग का सामान, वधु के लिए साड़ियां, वर के लिए पेंट-शर्ट आदि सामान दिया गया।
13 वर्ष में सेवा भारती द्वारा करवाये गये विवाह
इस विवाह समारोह की शुरुआत भवानी मण्डी से हुई । सेवा भारती के आज के सम्मेलन को मिलाकर 22 जिलों के 33 स्थानों पर 2420 जोड़ों का विवाह सम्पन्न करवाया जा चुका है। इस बार सेवा भारती का यह 13 वां श्री राम जानकी विवाह सम्मेलन था। इन जोड़ों की आगामी कुछ दिनों में पण्डित द्वारा मुर्हत निकालकर हर वर्ष की तरह पग फेरे की रस्म करवायी जाएगी जहां उन्हें उपहार देकर विदा किया जाएगा।
इस विवाह द्वारा समाज के लिए कई संदेश
सामूहिक विवाह के इस आयोजन से समाज में लोगों को कई प्रकार के संदेश दिये गये। समाज में वंचित निर्धन वर्ग के लोगों का विवाह करवाया गया। अंतर्जातीय विवाह से सामाजिक परिर्वतन की शुरूआत भी की गयी। सभी समुदाय, सभी जातियों के लोगों ने एक साथ भोजन किया। कहीं कोई छुआ छूत नहीं ना कोई ऊच नीच का भाव दिखाई दिया। सर्वजातीय सामूहिक विवाह के माध्यम से एक नई क्रांति का सूत्रपात हुआ है। इस पूरे कार्यक्रम में महिला कार्यकर्ताओं ने तन-मन-धन से सहयोग करके मातृशक्ति की प्रबल सामर्थ्य का उदाहरण प्रस्तुत किया। वही समारोह में सहयोग देने से सम्पन्न लोगों में समर्पण भाव जागा और उन्होंने सादगी का संदेश भी दिया ।
प्रचार मंत्री रितु चतुर्वेदी ने बताया समाज के कई गणमान्य व्यक्तियों, संघ प्रचारकों ने विवाह समारोह में उपस्थित हो वर-वधू को मंगल जीवन का आशीर्वाद दिया। समारोह के विधिवत सम्पन्न कराने में नागरमल अग्रवाल, गिरधारी लाल शर्मा, नवल बगड़िया, हरि कृष्ण गोयल, कैलाश चंद शर्मा, ओमप्रकाश भारती, हनुमान सिंह भाटी का मार्गदर्शन एवं विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।