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जी-7 सम्मेलन में पीएम मोदी ने कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) पर कही वो बात जिसे मिला ऑस्ट्रेलिया व दक्षिण अफ्रीका का जोरदार समर्थन

जी-7 सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार, 13 जून को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को पेटेंट से मुक्त रखने की जोरदार वकालत की। विदेश मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव पी.हरीश ने बताया कि उन्होंने जी-7 के नेताओं से इस मामले में सभी देशों तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए सहयोग के लिए कहा। इसके लिए उन्होंने बौद्धिक संपदा अधिकारों में ढील देने को कहा।

पीएम मोदी की इस बात का दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया ने समर्थन किया कि विश्व व्यापार संगठन और संयुक्त राष्ट्र की ओर से भी ग्लोबल वैक्सीनेशन के मद्देनजर भी पीएम मोदी के इस आग्रह का समर्थन किया जा चुका है। इस सभी का कहना है कि वैश्विक टीकाकरण के लिए बौद्धिक संपदा अधिकारों में ढील देना बेहद जरूरी है।

बौद्धिक संपदा अधिकारों में ढील को लेकर भारत की सोच वसुदैव कुटुम्बकम वाली रही है। भारत का स्पष्ट मानना रहा है कि कोरोना महामारी पर नियंत्रण के लिए व्यापार सम्बंधित विशेष अधिकारों पर अस्थायी तौर रोक लगानी चाहिए। यदि ऐसा हुआ तो दुनिया के सभी देशों को वैक्सीन और चिकित्सा मदद मिलने में सरलता होगी क्योंकि कोई देश फिर किसी हेल्थ इमरजेंसी प्रोडक्ट पर अपना एकाधिकार नहीं जता सकेगा।

उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन में चल रहे जी-7 देशों के सम्मेलन का 13 जून को आखिरी दिन था और पीएम मोदी ने इस सम्मेलन में वर्चुअली भाग लिया। पर्यावरण परिवर्तन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इस चुनौती का मिलकर मुकाबला करना होगा। हम इसे टुकड़ों में बांटकर कर सकते। पीएम मोदी ने यह भी याद दिलाया कि भारत जी-20 का एकमात्र ऐसा देश है, जिसने पेरिस क्लाइमेट समिट से जुड़े अपने सभी वायदे निभाये हैं।

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