धर्मरांची

कुछ महीने पहले प्रलोभन के लालच में बने ईसाई बने 200 हिंदुओं की घर वापसी..!

हजारीबाग, झारखंड के इचाक प्रखंड की बरका खुर्द पंचायत में मंगलवार को 67 परिवारों के करीब 200 लोगों ने ईसाई धर्म छोड़कर हिंदू धर्म में वापसी की। कुछ महीने पहले, इन लोगों ने ईसाई मिशनरियों के प्रभाव और प्रलोभन में आकर धर्मांतरण किया था। बरका खुर्द स्थित शिव मंदिर में आयोजित अनुष्ठान में ‘ऊं’ स्वरोच्चारण के बीच इनका स्वागत पांव धोकर किया गया। घर वापसी करने वाले ज्यादातर परिवार दलित तबके के हैं, जिनमें महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है।
आर्ष कन्या गुरुकुल की आचार्या पुष्पा शास्त्री और गुरुकुल की 20 कन्याओं ने विधि-विधान के साथ इनकी वापसी का अनुष्ठान संपन्न कराया। सभी ने सामूहिक आचमन और यज्ञोपवीत ग्रहण किया। कई महिलाओं ने बताया कि उन्हें पहले सत्संग के नाम पर बुलाया गया और फिर शिव चर्चा के बहाने यीशु चर्चा कर भ्रमित किया गया। इसके लिए उन्हें पैसे भी दिए गए थे।
विश्व हिंदू परिषद और अन्य हिंदूवादी संस्थाओं का आरोप है कि ईसाई मिशनरियां कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवारों को चंगाई सभा के नाम पर प्रलोभन देकर धर्मांतरण करा रही हैं। बरका खुर्द पंचायत में ईसाई धर्म अपनाने वाले लोगों और ग्रामीणों के बीच कई दौर की बैठकों के बाद कई परिवारों ने घर वापसी की इच्छा जताई थी।
मंगलवार को आयोजित अनुष्ठान के दौरान विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय संगठन मंत्री देवी सिंह, प्रांतीय अध्यक्ष चंद्रकांत रायपत, भाजपा जिला अध्यक्ष श्रद्धानंद सिंह, ओबीसी मोर्चा के युवा अध्यक्ष अमरदीप यादव, एबीवीपी के पंकज मेहता, जिला परिषद सदस्य रेणु देवी, बजरंग दल के संयोजक प्रशांत कुमार सिंह सहित हजारों सनातन धर्मावलंबी मौजूद थे। विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष चंद्रकांत रायपत ने प्रशासन से मांग की है कि चंगाई सभा के नाम पर हिंदुओं को मतांतरित करने में लिप्त संस्थाओं और व्यक्तियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए। प्रलोभन और छलपूर्वक मतांतरण कराना कानूनी अपराध है।

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