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एक्टर जॉन अब्राहम ने ‘भारत में अल्पसंख्यक असुरक्षित हैं’ वाली सोच को खारिज करते हुए कहा, “मैं इस देश में बहुत सुरक्षित महसूस करता हूं”

मुंबई। अभिनेता जॉन अब्राहम ने हाल ही में एक साक्षात्कार में भारत में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चल रही बहस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस धारणा को सिरे से नकारते हुए कहा कि उन्होंने अपने देश में खुद को कभी इतना सुरक्षित महसूस नहीं किया जितना अब करते हैं।
भारत में अल्पसंख्यक होने पर जॉन अब्राहम का बयान
टाइम्स नाउ की नविका कुमार के साथ बातचीत में जब जॉन से पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि भारत में अल्पसंख्यक असुरक्षित हैं, तो उन्होंने कहा, “शायद लोग कहें कि मैं अभिनेता हूं, इसलिए मुझे पसंद या नापसंद करने की वजहें अलग हो सकती हैं। लेकिन मैं एक अल्पसंख्यक हूं। मेरी मां ज़ोरास्ट्रियन (पारसी) हैं और मेरे पिता सीरियन क्रिश्चियन। और मैंने कभी भी अपने देश में खुद को इतना सुरक्षित महसूस नहीं किया जितना अब करता हूं।”
जॉन ने आगे कहा, “मुझे अपना देश बहुत प्यारा है और मैं इसमें खुद को बहुत सुरक्षित महसूस करता हूं। जो लोग ‘अल्पसंख्यक असुरक्षित हैं’ को एक बहाने की तरह इस्तेमाल करते हैं, उनके लिए मैं एक जीता-जागता उदाहरण हूं। शायद मैं उस अल्पसंख्यक समूह से आता हूं जिससे किसी को कोई दिक्कत नहीं है। मुझे नहीं पता… भला किसी को पारसियों से क्या दिक्कत होगी? लेकिन मेरी बात करें तो, मैं अपने देश में पूरी तरह सुरक्षित हूं और भारतीय होने पर गर्व महसूस करता हूं।”
उन्होंने यह भी कहा, “मुझे ऐसा लगता है कि मुझसे ज्यादा भारतीय कोई नहीं हो सकता। मेरे कंधे पर एक जिम्मेदारी है जैसे मैं हर जगह भारतीय तिरंगा लेकर चलता हूं।”
जॉन अब्राहम की वापसी: ‘द डिप्लोमैट’ में दमदार भूमिका
जॉन अब्राहम एक बार फिर बड़े पर्दे पर लौटे हैं एक्शन-थ्रिलर फिल्म ‘द डिप्लोमैट’ के साथ, जो एक सच्ची घटना पर आधारित है। फिल्म का निर्देशन ‘नाम शबाना’ के निर्देशक शिवम नायर ने किया है और इसमें सादिया खतीब भी मुख्य भूमिका में हैं।
यह कहानी भारतीय नागरिक उज़मा अहमद की सच्ची घटना पर आधारित है, जिन्हें 2017 में पाकिस्तान से भारत लाया गया था। बताया गया था कि एक पाकिस्तानी व्यक्ति ने उन्हें हनी ट्रैप किया, बंदूक की नोक पर शादी करवाई और शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न किया।
फिल्म में जॉन अब्राहम ने वरिष्ठ राजनयिक जेपी सिंह की भूमिका निभाई है, जिन्होंने उज़मा को सुरक्षित भारत वापस लाने में अहम भूमिका निभाई थी। ‘द डिप्लोमैट’ शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है।

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