आतंकदिल्ली

जेपी मॉर्गन चेस के सीईओ जेमी डिमॉन के मुताबिक यह तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत ही तो है..!

जेपी मॉर्गन चेस के सीईओ जेमी डिमॉन ने हाल ही में दुनियाभर में बढ़ते खतरों को लेकर चेतावनी दी है। उनका कहना है कि यूक्रेन और मिडिल ईस्ट में चल रहे संघर्ष, रूस और चीन की नजदीकियों का बढ़ना और ईरान तथा उत्तर कोरिया का गठजोड़ वैश्विक स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं। उन्होंने इसे “तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत” की संज्ञा देते हुए कहा कि अगर इस स्थिति को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो इसके परिणाम बेहद गंभीर हो सकते हैं।
डिमॉन ने वाशिंगटन में इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल फाइनेंस की बैठक में यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका के विरोधी वर्तमान वैश्विक व्यवस्था को बदलना चाहते हैं। रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास के बीच जारी संघर्ष विश्व युद्ध में बदलने की स्थिति में हैं। डिमॉन ने बताया कि जेपी मॉर्गन की जोखिम प्रबंधन टीमें ऐसे संभावित खतरों का विश्लेषण कर रही हैं, जो चौंकाने वाले हो सकते हैं। उनका मानना है कि यदि ईरान परमाणु बम हासिल करता है, तो इसके प्रभाव में अन्य देश भी इसी दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं, जिससे वैश्विक सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न हो जाएगा।
डिमॉन के अनुसार, यह तीसरा विश्व युद्ध एक हकीकत बन चुका है और कई जगहों पर बड़े संघर्ष हो रहे हैं। उनका मानना है कि चीन और रूस द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पश्चिमी देशों द्वारा स्थापित की गई व्यवस्था को खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस खतरनाक स्थिति को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो इसके परिणाम बेहद घातक होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि यह समस्या अपने आप सुलझ जाएगी, बल्कि इसके समाधान के लिए गंभीर कदम उठाने होंगे।
यूक्रेन में रूस द्वारा चलाए जा रहे युद्ध को लेकर भी डिमॉन ने चिंता जताई और इसे बेहद खतरनाक स्थिति बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में स्थिति इस कदर खराब हो गई है कि एक व्यक्ति परमाणु ब्लैकमेल की धमकी दे रहा है, जो बेहद चिंताजनक है। उन्होंने यह भी कहा कि परमाणु हथियारों का प्रसार मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बन सकता है और अगर ईरान इस दिशा में सफल होता है, तो कई अन्य देश भी इसी राह पर चल पड़ेंगे, जिससे पूरी दुनिया में खतरे का माहौल बन सकता है।
डिमॉन ने वैश्विक आर्थिक स्थिरता पर जोर देते हुए कहा कि यूक्रेन और मिडिल ईस्ट में चल रहे संघर्ष का असर न केवल अल्पकालिक बल्कि दीर्घकालिक रूप में भी गंभीर हो सकता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका मंदी से बचा हुआ है और महंगाई की दर घट रही है, लेकिन बड़ी वित्तीय समस्याएं, बुनियादी ढांचे की जरूरतें और व्यापार सुधार जैसे मुद्दे बने हुए हैं। इन चिंताओं के मद्देनजर डिमॉन ने बताया कि जेपी मॉर्गन नियमित रूप से वैश्विक अस्थिरता के संभावित परिदृश्यों का आकलन करता है, और आने वाले समय में स्थितियां अप्रत्याशित रूप से बदल सकती हैं।

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