अदालत

जस्टिस यशवंत वर्मा कैश विवाद: मुख्य न्यायाधीश ने आंतरिक जांच के लिए 3-सदस्यीय समिति का गठन किया

नयी दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने दिल्ली हाई कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों की आंतरिक जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस समिति में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जी.एस. संधवाळिया और कर्नाटक हाई कोर्ट की न्यायाधीश अनु शिवरामन शामिल हैं।
शनिवार को जारी एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को निर्देश दिया गया है कि जांच पूरी होने तक जस्टिस वर्मा को कोई न्यायिक कार्य न सौंपा जाए। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अपनी वेबसाइट पर दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय की रिपोर्ट, जस्टिस वर्मा का जवाब और अन्य संबंधित दस्तावेज भी सार्वजनिक कर दिए हैं।
56 वर्षीय जस्टिस वर्मा उस समय विवादों में आ गए जब 14 मार्च की रात लुटियंस दिल्ली स्थित उनके सरकारी आवास पर आग लगने की घटना के बाद कथित रूप से बड़ी मात्रा में नकदी मिलने की खबरें सामने आईं। आग रात करीब 11:35 बजे लगी थी, जिसे बुझाने के लिए दिल्ली फायर सर्विस (DFS) की टीम मौके पर पहुंची थी। यह मामला सबसे पहले टाइम्स ऑफ इंडिया ने रिपोर्ट किया था। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि नकदी की बरामदगी के चलते सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा को किसी अन्य हाई कोर्ट में स्थानांतरित करने पर विचार शुरू किया।

Related posts

गैंगस्टर मुख्तार अंसारी दोषी करार, अदालत ने सुनाई 10 साल की सजा

Clearnews

सीएम अशोक गहलोत को मानहानि मामले में झटका, कोर्ट ने खारिज की याचिका

Clearnews

राहुल गांधी भारतीय नागरिक हैं या ब्रिटिश..इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई की

Clearnews