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केरल के गवर्नर को जेड प्लस सिक्योरिटी…! क्या है इसका मतलब, किन-किन लोगों को मिली है

केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान की सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है। उनकी सुरक्षा श्रेणी बढ़ाकर जेड प्लस कर दी गई है। इसके बाद कई लोगों के मन में सवाल है। सवाल यह है कि आखिर इससे क्या फर्क पड़ेगा। जेड प्लस सिक्योरिटी होती क्या है? इसे किन लोगों को दिया जाता है? आइए, यहां ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब जानते हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की सुरक्षा बढ़ा दी है। उनकी सुरक्षा की कैटेगरी बढ़ाकर ‘जेड प्लस’ कर दी गई है। राज्यपाल खान के खिलाफ केरल के कोल्लम जिले में शनिवार को स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। उनके ऐसा करने पर खान अपने वाहन से बाहर निकले। फिर प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़क किनारे एक दुकान के सामने बैठ गए। इस घटना के बाद ही उनकी सिक्योरिटी बढ़ाने का फैसला लिया गया। जेड प्लस सिक्योरिटी का क्या मतलब होता है? किन-किन लोगों को यह मिली हुई है? इस पर कतिना खर्च आता है? आइए, यहां इन सवालों के जवाब जानते हैं।
क्या होती है जेड प्लस सिक्योरिटी?
देश में जेड सिक्योरिटी अव्वल मानी जाती है। यह सुरक्षा की सर्वोच्च श्रेणी है। जेड सिक्योरिटी के तहत 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो और पुलिस कर्मी समेत 55 ट्रेंड जवान मिलते हैं। जिस किसी को यह सिक्योरिटी मिलती है, ये सभी कमांडो 24 घंटे उस व्यक्ति के चारों ओर पैनी नजर रखते हैं। सुरक्षा में तैनात हर कमांडो मार्शल आर्ट का स्पेशलिस्ट होता है। ये आधुनिक हथियारों से लैस होते हैं।
किन-किन को मिली हुई जेड प्लस सुरक्षा?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय वित्त मंत्री, मुकेश अंबानी और उनके परिवार, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जैसे कई शीर्ष गणमान्य व्यक्तियों को यह सिक्योरिटी कवर मिला हुआ है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी उन लोगों में हैं जिन्हें जेड प्लस सिक्योरिटी दी गई है।
जेड प्लस सुरक्षा का खर्च कितना आता है?
जेड सुरक्षा पर एक व्यक्ति पर महीने में 40 से 45 लाख रुपये का खर्च आता है। इस सुरक्षा का खर्च केंद्रीय गृह मंत्रालय उठाता है। हालांकि, अंबानी परिवार का उदाहरण लें तो वही इसका खर्च उठाता है।
जेड सुरक्षा किसे दी जाती है?
खतरे के साथ सुरक्षा श्रेणी बढ़ती है। ऐसे में जाहिर है कि यह उन्हें मिलती है जिनकी जान को सबसे ज्यादा खतरा होता है। प्रधानमंत्री को मिलने वाले एसपीजी यानी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप के बाद कह सकते हैं कि यह दूसरा सबसे सख्त कवर है।

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