रिश्तों को शर्मसार करने और दिल दहला देने वाली एक घटना में केरल कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुना कर उदहारण पेश किया है। अमूमन बड़े से बड़े अपराध के लिए आरोपी को आजीवन कैद या मौत की सजा मिलती है। लेकिन केरल की एक अदालत ने आरोपी को 123 साल कैद की सजा सुनाई है। इतना ही नहीं।। इस सजा के साथ अदालत ने दूसरी सजाएं भी दी हैं। केरल की एक अदालत ने मंगलवार को एक व्यक्ति को 2022 में अपनी दो नाबालिग बेटियों में से सबसे बड़ी बेटी के साथ बार-बार यौन उत्पीड़न करने के लिए दोषी ठहराया और कुल 123 साल कैद की सजा सुनाई।
मंजेरी फास्ट ट्रैक के विशेष न्यायाधीश अशरफ ए एम ने भी उस व्यक्ति को अपनी छोटी बेटी के यौन उत्पीड़न के लिए दोषी ठहराया और तीन साल की सजा सुनाई।
अदालत ने उस व्यक्ति को आईपीसी की धारा 376(3) (16 साल से कम उम्र की लड़की से बलात्कार) और धारा 5(एल) (बार-बार प्रवेशन यौन हमला) और 5(एम) (छेदनात्मक) के अपराध के लिए 40-40 साल की सजा सुनाई। यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत 12 साल से कम उम्र के बच्चे का यौन उत्पीड़न और किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 (बच्चे के प्रति क्रूरता) के तहत अपराध के लिए तीन साल यानी कुल मिलाकर 123 साल की सजा सुनायी।
अदालत ने उस पर सात लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी और उसे अधिकतम 40 साल की सजा काटनी होगी। छोटी बेटी के यौन उत्पीड़न के मामले में अदालत ने उसे तीन साल की सजा सुनाई और 1.85 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
मामले में अभियोजक ने सजा सुनाए जाने के बाद संवाददाताओं से कहा कि उस व्यक्ति ने अपनी दो बेटियों में से बड़ी बेटी के साथ घर के अंदर और बाहर बार-बार बलात्कार किया था।उसके अपराध का खुलासा तब हुआ जब उसने अपनी छोटी बेटी के साथ भी कुकर्म किया , जिसने अपनी मां को इसके बारे में बताया।
अभियोजक ने कहा, मां, एक आंगनवाड़ी शिक्षिका, ने अपने सहकर्मियों को बताया और उनके माध्यम से पुलिस को सूचित किया गया।