खालिस्तानी आतंकवादियों के एक समूह ने महात्मा गांधी की जयंती पर दो अक्टूबर को लंदन में भारतीय दूतावास पर प्रदर्षन करते हुए तिरंगे का जमकर अपमान किया। खालसा यूके के नेता गुरचरण सिंह ने इस पर गोमूत्र डाला और अपने पैरों के नीचे रौंद दिया। यह तमाशा वहां मौजूद पुलिस के सामने हुआ। इस विरोध प्रदर्शन के वायरल वीडियो में एक लड़के की हरकत ने दुनिया का दिल लिया, जो जाहिल खालिस्तानियों की भीड़ के बीच बेधड़क घुसा और तिरंगे को जमीन से उठाकर माथे से लगाते हुए बचा ले गया। इस लड़के को सिंह के पीछे से तिरंगा उठाते हुए देखा जा सकता है, जो हिंसक भीड़ के बावजूद जल्दबाजी में इसे श्रद्धा के साथ मोड़ता है और गर्व से वहां से चला जाता है।
🇮🇳 My LSE junior proudly picked up the Indian tricolour outside @HCI_London battling extremism with passion and non violance. pic.twitter.com/pKGK5qOlcI
— Karan Kataria (@karanatLSE) October 4, 2023
17 दिन पहले ही लंदन पहुंचा
उसका नाम सत्यम सुराना है। पुणे का यह लड़का लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (एलएसई) का छात्र है, जो हाल ही में छात्र निकाय चुनावों में एक अन्य भारतीय छात्र करण कटारिया के साथ भेदभाव के लिए सुर्खियों में आया था। कटारिया को भाजपा की ओर झुकाव के कारण अयोग्य घोषित किया गया था। सत्यम 17 दिन पहले ही लंदन पहुंचा है।
मैंने सिर्फ अपना कर्तव्य निभाया
उन्होंने कहा, ‘मैं वास्तव में खुश हूं कि लोगों को मुझ पर गर्व है। यह तिरंगा है जो हम सभी को, पूरे भारत को एक साथ लाता है। मैंने सिर्फ अपना कर्तव्य निभाया। मैंने झंडा उठाया और चला गया। मुझे जो संदेश मिल रहे हैं और जो प्रतिक्रिया मुझे यहां मिल रही है, वह जबरदस्त है। मैं ऐसा करने के लिए बहुत खुश हूं।’
500 लोगों की भीड़ जमा थी
सत्यम ने कहा, ‘मुझे संदेश मिला कि भारतीय उच्चायोग के बाहर किसी तरह का विरोध प्रदर्शन चल रहा है। बात यह थी कि भारतीय उच्चायोग ने एक छात्र पंजीकरण अभियान आयोजित किया था और मैं अपने कॉलेज में इस आउटरीच में उनकी मदद कर रहा था। मैं अपने व्याख्यान समाप्त होने के बाद वहां गया। मैंने करीब 500 लोगों की भीड़ देखी।’
मास्क पहनकर कर रहे थे मोदी का अपमान
उन्होंने कहा, श्करीब 50-60 लोग मास्क पहने हुए थे. खालिस्तानी हमारे प्रधानमंत्री और उच्चायुक्त दोराईस्वामी के पुतले का अपमान कर रहे थे। वे सिर्फ खालिस्तान समर्थक नारे लगा रहे थे और हिंदूफोबिक नफरत फैला रहे थे। उन्होंने कहा, ‘जब वे खालिस्तान के लिए चिल्ला रहे थे, तो यह स्पष्ट था कि वे एक विशेष पार्टी और विचारधारा को निशाना बना रहे थे, वे हिंदुत्व के खिलाफ जहर उठा रहे थे।’
छलांग लगाकर घुसा और उठा लिया तिरंगा
सत्यम ने कहा, ‘करीब 8-10 लोगों का एक समूह था, जो पुलिस घेरे के पीछे से घुसा और दूतावास के सामने आ गया। उन्होंने तिरंगे को अपने पैरों तले रौंद लिया और एक बोतल में लाए गोमूत्र को डाल दिया। मैंने पीछे से छलांग लगाई और उसके बाद उसे खींच लिया। उस पल में मुझे कोई डर नहीं लगा। मैं भूल गया कि वहां खून के प्यासे तीस चरमपंथियों की भीड़ थी।’
मुझे लगा उनके पैरों तले तिरंगा नहीं, मैं था
मैंने महसूस किया कि तिरंगा नहीं, बल्कि यह मैं उनके पैरों के नीचे था जो उस बदनामी और अपमान को झेल रहा था। मुझे लगा कि एक भारतीय होने के नाते यह मेरा कर्तव्य है कि मुझे अपना झंडा अपनी कस्टडी में ले लेना चाहिए और अपनी सुरक्षा करनी चाहिए। ‘मैंने इसे मोड़ दिया, माथे से लगाया और मैं चला गया। पुलिस ने मुझे चले जाने के लिए भी कहा। खालिस्तानी उस पल में समझ नहीं पाए कि क्या हुआ है। झंडा अब सबूत के तौर पर पुलिस हिरासत में है।’