वैंकूवर में भारतीय काउंसिल के बाहर खालिस्तानियों का विरोध प्रदर्शन बुरी तरह से फ्लॉप रहा है। लगता है कि खालिस्तानियों की ताकत अब कनाडा में लगातार सिकुड़ती जा रही है। लोगों को भारी रकम का लालच देने के बावजूद विरोध प्रदर्शन के लिए ‘खालिस्तानी’ 50 से ज्यादा लोगों को इकट्ठा करने में कामयाब नहीं हो सके। इससे पहले विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर वैंकूवर में भारतीय काउंसिल के बाहर भारी मात्रा में सुरक्षा बंदोबस्त किए गए थे। खालिस्तान समर्थकों के विरोध प्रदर्शन से पहले वेंकूवर पुलिस विभाग ने भारतीय वाणिज्य दूतावास के आसपास की सड़कों पर बैरिकेड लगा दिए थे।
महज दर्जन भर खालिस्तानी समर्थक जुटे
तमाम हो हल्ले के बावजूद वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर प्रदर्शन के लिए महज दर्जन भर खालिस्तानी समर्थक ही जुटे। इन प्रदर्शनकारियों ने खालिस्तान के झंडे लहराए, संगीत बजाया और नारे लगाए। उनमें से कुछ ने भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर कूड़े के डिब्बे में भारत का झंडा जला दिया। इसी तरह का विरोध प्रदर्शन टोरंटो में भी किया गया। कनाडा के सीटीवी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को सुनियोजित साजिश का हिस्सा बताया और मामले की सार्वजनिक जांच की मांग की। यह विरोध प्रदर्शन कनाडा भर के शहरों में खालिस्तान समर्थकों के कई विरोध प्रदर्शनों में से एक था।
विश्व सिख संगठन ने जारी की थी चेतावनी
विश्व सिख संगठन ने पहले ही इन प्रदर्शनों को लेकर उकसावे और हस्तक्षेप होने की संभावना की चेतावनी जारी की थी और सतर्कता बरतने की अपील की थी। एक बयान में विश्व सिख संगठन के अध्यक्ष तेजिंदर सिंह सिद्धू ने हरदीप सिंह निज्जर के हत्यारों की तलाश करने की अपील भी की। उसने कहा कि अगर सिख समुदाय के सदस्य असुरक्षित महसूस करते हैं या हिंसा भड़काने की कोशिश को देखते हैं, तो हम उन्हें तुरंत कानून लागू करने वाली एजेंसियों से संपर्क करने के लिए बढ़ावा देते हैं।
भारतीय वाणिज्य दूतावास के आसपास कड़ी सुरक्षा
वैंकूवर पुलिस विभाग ने खालिस्तान समर्थकों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास के आसपास की सड़क पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। हॉवे स्ट्रीट पर वैंकूवर की इमारत में भारतीय वाणिज्य दूतावास के प्रवेश के रास्ते को रोकने के लिए बैरियर लगाए गए थे। गौरतलब है कि भारत में एक नामित आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की 18 जून को कनाडा के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।