जयपुर शहर प्रभारी और स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने संयोग से मिले मौके में अपनी जो कारीगरी दिखाई, तो शहर कांग्रेस के सभी विधायक कोटा वाले इन गुरुजी से राजनीति की ट्रेनिंग लेने पहुंच गए और लंबे समय तक उलझे मसले सामने रख दिए। बताया जाता है कि गुरुजी से मिले इस ज्ञान के बाद इन अटके मसलों को भी शहर कांग्रेस जल्द ही सुलझा लेगी।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अभी तक धारीवाल ने शहर कांग्रेस को अपने हाल पर छोड़ रखा था, लेकिन उनकी पूरी नजर इन पर थी। जब उन्हें लगा कि इनसे कुछ नहीं होगा, तो फिर उन्होंने शहर कांग्रेस को अपने पास बुला लिया और लगा दी क्लास।
सूत्रों के अनुसार धारीवाल इतने समय तक चुप इसलिए रहे कि उनका प्रताप सिंह खाचरियावास और महेश जोशी से कई मामलों में मतभिन्नता चल रही थी। इसी कारण से वह अभी तक शहर कांग्रेस को कोई तवज्जो नहीं दे रहे थे लेकिन जब पानी सिर से जाता दिखा और शहर कांग्रेस से कुछ नहीं हो पाया तो उन्होंने अब कमान अपने हाथ मेंं ली और संगठन को भी बता दिया कि प्रभारी मंत्री बैठक ले रहे हैं।
बताया जा रहा है कि इस क्लास में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, मुख्य सचेतक महेश जोशी और विधायक अमीन कागजी और रफीक खान पहुंचे। क्लास में हैरिटेज निगम की समितियों, शहर अध्यक्ष और जयपुर ग्रेटर में चल रहे प्रकरणों पर चर्चा हुई।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि हैरिटेज निगम में बीपीसी कमेटी के चेयरमैन का पद प्रताप सिंह अपने चहेते को दिलाना चाहते हैं लेकिन बाकी तीन विधायक उनके खिलाफ चल रहे हैं। तीनों विधायकों को इन पार्षद पर विश्वास नहीं है। पहले यह पार्षद उपमहापौर की दौड़ में भी थे, लेकिन अल्पसंख्यक वर्ग के आगे इनकी नहीं चल पाई और अब वह सबसे मलाईदार समिति पर नजर गड़ाए हैं। इसलिए कमेटियों के निर्माण का निर्णय धारीवाल पर छोड़ा गया है। शहर अध्यक्ष पद के दावेदारों के गुण-अवगुण भी पहले धारीवाल ही परखेंगे।