राज्यसभा की कार्यवाही 8 दिन पहले ही स्थगित
नई दिल्ली । एक अक्टूबर तक चलने वाली राज्यसभा की कार्यवाही 8 दिन पहले ही अनिश्चित काल के लिए समाप्त हो गई। यद्यपि इसका कारण तो कोरोना ही बताया गया है लेकिन वास्तव में कृषि विधेयकों पर विपक्ष का बढ़ता विरोध इसका कारण समझा रहा है। उल्लेखनीय है कि कृषि विधेयकों पर विरोध और इसे लेकर सदन में हंगामा करने के कारण 8 सांसदों के निलंबन के बाद से विपक्ष लगातार तीन दिन से राज्यसभा का बहिष्कार कर रहा था। बुधवार को भी विपक्षी सांसदों ने संसद भवन परिसर में मार्च किया और नारे लगाए।
कृषि विधेयकों को मंजूरी नहीं देने की गुहार
राज्यसभा की 10 दिन की संक्षिप्त अवधि में 25 विधेयक पारित किए गए। इस बीच विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर कहा है कि विपक्ष की अनुपस्थिति में श्रम संबंधी विधेयकों को पारित नहीं किया जाए लेकिन ये तीनों विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिए गए। बुधवार को नेता प्रतिपक्ष गुलाम बनी आजाद ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर कृषि विधेयकों को मंजूरी नहीं देने का आग्रह किया है।
25 को देश व्यापी चक्का जाम का प्रयास
भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने कहा है कि कृषि विधेयकों का पूरे भारत में विरोध किया जा रहा है। इस संदर्भ में गुरुवार 25 सितंबर को पूरे देश में चक्का जाम किया जाएगा।