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लब—लब ने कराई भाजपा—कांग्रेस पार्षदों में लड़ाई

ग्रेटर नगर निगम की साधारण सभा की बैठक में हाथापाई

जयपुर। राजधानी के ग्रेटर नगर निगम की साधारण सभा की बैठक में ‘लब—लब’ शब्द ने कांग्रेस और भाजपा पार्षदों के बीच लड़ाई करा दी। कांग्रेस और भाजपा पार्षद आपस में भिड़ गए। भाजपा के पार्षद रणवीर सिंह, कांग्रेस के पार्षद ओमप्रकाश को निजी टिप्पणी करने के बाद मारने के लिए सदन में दौड़ पड़े। लेकिन बीच में भाजपा के दूसरे पार्षदों ने उन्हें पकड़ लिया। इस दौरान जब कांग्रेस भाजपा पार्षदों ने रणवीर सिंह को रोकने का प्रयास किया, तो उन्होंने उन दूसरे पार्षदों के साथ धक्का-मुक्की करते हुए पार्षद ओमप्रकाश की तरफ बढ़ने का प्रयास करने लगे।

गुरुवार को बैठक में पार्षद ओमप्रकाश सफाई के मुद्दे पर अपनी बात सदन में रख रहे थे। इसी बीच निर्दलीय पार्षद रणवीर बीच में बोलने लगे। इसको लेकर कांग्रेस पार्षद ओमप्रकाश ने कहा कि बीच में ‘लब-लब’ मत करो। इसी बात पर रणवीर भड़क उठे और सीट से उठकर दौड़ते हुए ओमप्रकाश कि तरफ पहुंचे। हालांकि पार्षदों ने बीच-बचाव करके मामला शांत कराने की कोशिश की। इसी बीच भाजपा पार्षद दल ने कांग्रेस पार्षद ओमप्रकाश को सदन से बाहर निकालने की मांग की। इस हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही को करीब 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया।

ग्रेटर नगर निगम में साधारण सभा में प्रशासनिक कार्य प्रणाली के सरलीकरण का प्रस्ताव रखा गया, लेकिन जब एजेण्डे की मूल कॉपी आई तो उसमें उन कर्मचारियों के ट्रांसफर का उल्लेख था, जो नगर निगम की किसी न किसी शाखा में 2 साल या उससे ज्यादा समय से बैठे हैं। ग्रेटर नगर निगम की कार्य व्यवस्था को बेहतर बनाने का हवाला देते हुए ऐसे कर्मचारियों को हटाकर दूसरी जगह लगाने के लिए कहा गया। पार्षद सुखप्रीत बंसल ने निगम की लाइट शाखा में भ्रष्टाचार का मामला उठाया।

प्रस्ताव पर दूसरे पार्षदों ने अपनी राय रखते हुए इस प्रस्ताव पर सवाल उठाए और कहा कि ये कार्यव्यवस्था पहले से है। इसे प्रशासनिक स्तर पर किया जाना चाहिए। उधर इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए वोटिंग करवाने की जगह मेयर ने डिसेंट नोट लगवाते हुए सरकार को भिजवाने के निर्देश दिए हैं। मेयर ने अपने नोट में स्वायत्त शासन विभाग की बनाई ट्रांसफर पॉलिसी का हवाला देते हुए उसकी पालना करने के निर्देश दिए।

प्रस्ताव संख्या 2 पर चर्चा के दौरान कांग्रेस और भाजपा के पार्षद आपस में उलझ गए। कांग्रेस पार्षद राजुला सिंह ने डिप्टी मेयर पुनीत कर्णावट पर अपने वार्ड में एक अवैध निर्माण पर हो रही कार्रवाई रूकवाने का आरोप लगाया। इस पर कर्णावट ने पार्षद राजुला के पति वेदप्रकाश पर गरीबों के मकान तुड़वाने और थड़ी-ठेले वालों को परेशान कर उनसे चौथ वसूली करने के गंभीर आरोप लगा दिए। इसी बीच कांग्रेस पार्षद दिव्या सिंह ने मेयर सौम्या गुर्जर को कहा कि आप औरत है या नहीं, महिला की इतनी बेइज्जती हो रही है और आप बैठकर सुन रही है। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कांग्रेस और भाजपा के पार्षद हंगामा करते रहे।

बैठक में एजेंडे के अलावा एक-दूसरे आरोप-प्रत्यारोप लगाने पर हुए हंगामे के बाद मेयर ने सभी पार्षदों को चेतावनी देते हुए कहा कि इस बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया जाएगा। जो पार्षद इस तरह एक-दूसरे पर सदन में आरोप लगाएगा उसको सदन से बाहर कर दिए जाएगा। उन्होंने पार्षदों को हिदायत दी कि यदि बैठक इस तरह के माहौल में स्थगित करनी पड़ी तो अगली बैठक के लिए कहीं ऐसा न हो कि कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ जाए।

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