जयपुर। राजस्थान अब लखपति बन गया है। हम रुपए-पैसों की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम तो कोरोना मरीजों की कुल संख्या की बात कर रहे हैं। शनिवार रात तक प्रदेश में कोरोना के कुल मरीजों का आंकड़ा 1 लाख 705 तक पहुंच चुका है। तसल्लीबख्श बात यह है कि इनमें एक्टिक केसों की संख्या 16 हजार 583 है। वहीं मरने वालों का आंकड़ा 1221 है।
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद को एक महीने के लिए होम क्वारंटाइन कर लिया है। इस दौरान वह किसी बाहरी व्यक्ति से नहीं मिलेंगे। बैठकें भी वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करेंगे।
पक्ष हो या विपक्ष सभी के बड़े नेता कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर भाजपा सरकार पर आक्रामक है। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में कम्युनिटी संक्रमण शुरू हो चुका है और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। सरकार कोरोना संक्रमण के आंकड़े छिपा रही है।
दूसरी ओर सरकार भी चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठकें करके संक्रमण की रोकथाम के उपाय करने में जुटी है। सरकार की ओर से जनता को संदेश दिया जा रहा है कि वह कोरोना गाइडलाइन की पालना करे। इसके बावजूद गाइडलाइन की पालना दिखाई नहीं दे रही है। प्रदेश में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जनता यह आस लगाए बैठी थी कि सरकार संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए एक बार फिर शनिवार-रविवार का वीकएंड लॉकडाउन लागू कर सकती है, लेकिन सरकार की ओर से अभी तक इस ओर कोई कदम नहीं उठाया गया।
ऐसे में अब लाचार होकर व्यापारिक संगठनों की ओर से ही व्यापारियों को समझाया जा रहा है कि वह अपने प्रतिष्ठानों को शनिवार-इतवार को बंद रखें, आम दिनों में दुकानें खोलने और बंद करने का समय कम करें और अपनी व अपने परिवार की संक्रमण से रक्षा करें। व्यापार मंडलों को आस है कि वीकएंड लॉकडाउन से कोरोना के रिस्क को 30 से 35 फीसदी कम किया जा सकता है।