जयपुर। शुक्रवार को राजधानी में हुई अतिवृष्टि के कारण नाहरगढ़ जाने के रास्ते में कई जगहों पर लैंडस्लाइडिंग हुई। इसके चलते भारी चट्टानें टूट कर सड़क पर आ गई। कुछ स्थानों पर तो सड़क की एक तरफ की साइड ही आवागमन के लिए बची है। इसको लेकर पुरातत्व विभाग ने जिला कलेक्टर और वन विभाग को पत्र लिखकर रास्ते से चट्टानों को हटाने के लिए आग्रह किया है।
पुरातत्व विभाग की ओर से नाहरगढ़ अधीक्षक राकेश छोलक ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखा है और कहा है कि नाहरगढ़ शहर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और बारिश के दौरान बड़ी संख्या में शहर के लोग नाहरगढ़ घूमने के लिए आते हैं। पर्यटकों की आवाजाही शुरू करने के लिए रास्ते से चट्टानों का हटाया जाना आवश्यक है। बारिश के कारण रास्ते के पास बनी स्लिप लेन भी कई जगहों से दरक गई है, जिससे दुर्घटनाओं का अंदेशा बना हुआ है।

वहीं दूसरी ओर वन विभाग के डीएफओ को लिखे पत्र में कहा गया है कि लैंडस्लाइडिंग के बाद भी रास्ते में कई स्थानों पर भारी चट्टानें लटकी हुई है, जो कभी भी गिर सकती है। चट्टानों के साथ झाडिय़ां व पेड़ भी टूट कर रास्ते पर आ गए हैं, इसलिए वन विभाग इन पेड़ों को हटाकर रास्ते को सुचारू करे।
उल्लेखनीय है कि नाहरगढ़ पर जाने वाला रास्ता नाहरगढ़ अभ्यारण्य क्षेत्र से गुजरता है। इसलिए पुरातत्व विभाग वन नियमों के अनुसार अपने स्तर पर यह काम नहीं करा सकता है। लैंडस्लाइडिंग के बाद पुलिस ने नाहरगढ़ की ओर जाने वाले रास्ते को बेरिकेट लगाकर रोक रखा है। रास्ता बंद होने के कारण नाहरगढ़ पर बने पड़ाव रेस्टोरेंट को भी आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है।