जयपुर। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राज्य व देश का नाम रोशन करने की मंशा दिल में संजोए गुलाबी नगरी के एफ46 भाला फेंक स्पर्धा में 2017 और 2019 में विश्व चैम्पियन रह चुके सुंदर गुर्जर कोविड-19 महामारी के बावजूद भी सवाई मानसिंह स्टेडियम में ट्रेनिंग को नहीं छोड़ा। स्टेडियम में ही रहते, खुद खाना बनाते, कपड़े धोते और अपने सभी काम खुद ही निपटाने के साथ नियमित रूप से ट्रेनिंग भी कर रहे हैं। उन्होंने इसी मैदान को अपना घर बना लिया है।
वह स्टेडियम में लड़कों के होस्टल में रह रहे हैं और जब से 2015 से उन्होंने पैरा एथलेटिक्स शुरू की, तब से यह उनका ट्रेनिंग मैदान रहा है। मार्च में लगे राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से पहले लड़कों और लड़कियों के होस्टल में ट्रेनिंग करने वाले सभी खिलाड़ी अपने घर लौट गये थे लेकिन मुलत: करौली के रहने वाले गुर्जर ने स्टेडियम के अंदर ही अपनी ट्रेनिंग जारी रखी ।
गुर्जर ने कहा कि लॉकडाउन के बाद से मैं स्टेडियम में रह रहा हूं। मैं घर नहीं लौटा और पिछले चार महीनों से स्टेडियम से बाहर भी नहीं निकला। मैं अकेले ट्रेनिंग कर रहा हूं, मेरा दोस्त (अहमत सिंह गुर्जर) मेरी डाइट और अन्य चीजों में मदद कर रहा है।
उन्होंने कहा कि मैं अपने कोच महावीर प्रसाद सैनी के भी संपर्क में था, जिनसे शुरू में वीडियो कॉल से बात होती थी और बाद में वह भी स्टेडियम में रोज व्यक्तिगत रूप से आकर मेरी ट्रेनिंग पर निगरानी रखते हैं। तोक्यो पैरालंपिक खेलों में एक साल से थोड़ा ज्यादा समय है तो वह खुश हैं कि उनकी ट्रेनिंग बिना ब्रेक के चलती रही। उनहोनें कहा कि वे अपनी टेनिंग से खुश है और किसी टॅूर्नामेंट में चाहे वे जब भी शुरू हो, उसके लिए तैयार है।