चुनावदिल्ली

1952 के बाद दूसरा सबसे लंबा चुनाव, जून तक चलेगी वोटिंग: खास है लंबे कार्यक्रम की वजह

लोकसभा चुनाव का शेड्यूल जारी हो गया है। चुनाव की शुरुआत अप्रैल से होगी, जो जून तक चलने वाली है। देश के चुनावी इतिहास में ये दूसरा मौका है, जब जून के गर्म महीने तक वोटिंग होने वाली है। 1951-52 में पहले संसदीय चुनाव के बाद दूसरी सबसे लंबी अवधि वाले चुनाव इस साल हो रहे हैं। लोकसभा चुनाव का कार्यक्रम 44 दिनों का है। हालांकि, इतने ज्यादा दिनों तक चुनाव होने की कई वजहें भी हैं।
देश में पहले लोकसभा चुनाव 68 चरणों में हुए थे, जिसकी शुरुआत 25 अक्टूबर, 1951 को हुई और ये 21 फरवरी, 1952 को जाकर खत्म हुए। सात दशक बाद 96.8 करोड़ मतदाताओं की रिकॉर्ड संख्या के साथ 2024 का संसदीय चुनाव सबसे लंबा होने वाला है। इसके अलावा, जून में आम चुनाव केवल 1991 के लोकसभा चुनाव में हुए थे। मगर इसके पीछे की वजह ये थी कि शपथ ग्रहण के 16 महीने बाद ही चंद्रशेखर सरकार भंग हो गई थी।
क्यों जून तक करवाने पड़े चुनाव?
लोकसभा चुनाव सात चरणों में होने वाले हैं, जिसकी शुरुआत 19 अप्रैल से होगी और 1 जून तक मतदान होंगे। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जून तक चुनाव करवाने की दो प्रमुख वजहें हैं। इसमें पहली वजह ये है कि 2019 की तुलना में इस साल चुनाव का ऐलान छह दिन की देरी के साथ हुआ है। 2019 चुनाव में तारीखों का ऐलान 10 मार्च को हुआ था। दूसरी वजह ये है कि मार्च और अप्रैल में होली, तमिल न्यू ईयर, बीहू और बैसाखी जैसे त्योहार हैं, जिनके लिए छुट्टियां रहने वाली है।
चुनाव आयोग को इस बात का भी ख्याल रखना था कि नाम वापसी की आखिरी तारीख या मतदान के दिन जैसे जरूरी तारीखें त्योहार वाले दिन न पड़ जाएं। तारीखों में देरी के ऐलान के पीछे कुछ हालात भी जिम्मेदार थे, जिसमें चुनाव आयुक्त अरुण गोयल का अचानक इस्तीफा भी शामिल है। उनके इस्तीफे की वजह से तीन सदस्यों वाले चुनाव आयोग में सिर्फ मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ही बचे थे। एक अन्य चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय फरवरी में ही रिटायर हो गए थे।
सरकार ने 14 मार्च को दो नए चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू को नियुक्त किया।उन्होंने 15 मार्च को कार्यभार संभाला और एक दिन बाद चुनावों की घोषणा की गई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, श्लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान की वजह आयोग ने सोचा कि जब तक पूरा टीम नहीं होगी, तब तक घोषणा में देरी की जा सकती है। भले ही कानूनी रूप से मुख्य चुनाव आयुक्त ही चुनाव करवाते हैं, लेकिन फिर भी ये अजीब लगता। इसलिए इंतजार किया गया।

Related posts

राजस्थान विधानसभा चुनाव-2023: मतदाता सूची में नाम जुड़वाने का 27 अक्टूबर तक अंतिम अवसर

Clearnews

नौतपा यानी प्रचंड गर्मी के दिन शुरू लेकिन इससे पहले ही गर्मी से तीन राज्यों में 11 की और बरसात से केरल में सात की मौत..

Clearnews

RRC Railway Recruitment 2024: रेलवे में स्पोर्ट्स कोटे से सरकारी नौकरी का अवसर

Clearnews