मुंबई। महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे और उनके भाई विजय कोकाटे को नासिक जिला अदालत ने दो साल की जेल की सजा सुनाई और ₹50,000 का जुर्माना लगाया। यह मामला फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फ्लैट की बिक्री से जुड़ा है। हालांकि, फैसला सुनाए जाने के तुरंत बाद उन्हें जमानत मिल गई।
कोकाटे की सफाई – हाईकोर्ट में करेंगे अपील
• कोकाटे ने अदालत में सुनवाई के दौरान अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
• उन्होंने कहा, “यह मामला 30 साल पुराना है। तत्कालीन राज्य मंत्री तुकाराम दिघोले ने राजनीतिक दुश्मनी के चलते मेरे खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। अब अदालत ने अपना फैसला सुनाया है, लेकिन मेरे पास न्याय पाने का अधिकार है, और मैं हाईकोर्ट जाऊंगा।”
क्या है पूरा मामला?
• 1995 से 1997 के बीच कोकाटे पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी 10% कोटे के तहत कम आय वर्ग का दिखाकर फ्लैट खरीदा।
• बाद में सरकारी सब्सिडी से खरीदे गए इस घर में उन्होंने दूध डेयरी का व्यवसाय शुरू कर दिया।
• नासिक के कनाडा कॉर्नर स्थित ‘निर्माण स्कूल व्यू’ क्षेत्र में स्थित इस घर का उपयोग व्यवसायिक उद्देश्यों के लिए किया गया।
• इस व्यवसाय का उद्घाटन तत्कालीन नासिक के संरक्षक मंत्री गिरीश महाजन (भाजपा) ने किया था, जो मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी माने जाते हैं।
राजनीतिक और कानूनी संकट
• नासिक जिला अदालत का फैसला कोकाटे की मंत्री पद और विधायक पद पर खतरा डाल सकता है।
• भारतीय कानून के मुताबिक, अगर कोई जनप्रतिनिधि दो साल या उससे अधिक की सजा पाता है, तो वह अपने पद पर नहीं रह सकता।
• पूर्व विधानसभा सचिव अनंत कालसे के अनुसार, अगर हाईकोर्ट इस सजा पर रोक लगा देता है, तो कोकाटे को राहत मिल सकती है।
• अगर हाईकोर्ट में राहत नहीं मिलती, तो वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं।
क्या होगा आगे?
घटना संभावित परिणाम
हाईकोर्ट में अपील सजा पर रोक लग सकती है और विधायक पद बरकरार रह सकता है
हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली विधायक पद जा सकता है और सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प रहेगा
सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली मंत्री पद और विधायक सदस्यता खत्म हो सकती है
माणिकराव कोकाटे की राजनीतिक और कानूनी लड़ाई अब हाईकोर्ट में जारी रहेगी। देखना होगा कि क्या उन्हें न्यायिक राहत मिलती है या यह मामला उनके राजनीतिक करियर के लिए गंभीर संकट साबित होगा।