मुंबई। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में महायुति (भाजपा-शिवसेना गठबंधन) की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद गहराता गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इस पद पर दावा जताने से शिवसेना के नेता और मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नाराज बताये जा रहे हैं। उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए शाम के बाद की सभी बैठकें रद्द कर दीं और शिवसेना विधायकों से मुलाकात करने से भी परहेज किया। इस विवाद को समाप्त करने के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
मुख्यमंत्री पद का विवाद
• भाजपा की स्थिति: भाजपा ने चुनाव में 132 सीटें जीती हैं और पार्टी में मुख्यमंत्री पद पर जोरदार दबाव है।
• शिवसेना की मांग: शिवसेना विधायकों का तर्क है कि शिंदे के नेतृत्व में महायुति को बड़ी जीत मिली है, इसलिए मुख्यमंत्री पद उनके पास ही रहना चाहिए।
• भाजपा का रुख: पिछले पांच वर्षों से मुख्यमंत्री पद भाजपा के हाथ से बाहर था। अब पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बार मुख्यमंत्री भाजपा का ही होगा।
शिंदे की नाराजगी और बैकफुट पर शिवसेना
• शिंदे ने पिछले 36 घंटों में मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए भाजपा नेतृत्व से लगातार संपर्क किया, लेकिन बात नहीं बन सकी।
• शाम को दिल्ली से स्पष्ट संदेश आया कि भाजपा मुख्यमंत्री पद पर समझौता नहीं करेगी। इसके बाद शिंदे ने सभी निर्धारित कार्यक्रम रद्द कर दिए।
शिवसेना विधायकों की नाराजगी
शिवसेना के कई विधायक और पूर्व मंत्री भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस से मिलने पहुंचे, लेकिन इससे शिवसेना की स्थिति मजबूत होती नहीं दिख रही। शिवसेना मुख्यमंत्री पद को लेकर असमंजस में है, क्योंकि भाजपा की मजबूती के चलते उसकी मांग कमजोर पड़ रही है।
आगे क्या?
यह तय माना जा रहा है कि अगला मुख्यमंत्री भाजपा से होगा। शिंदे और शिवसेना के सामने अब गठबंधन में बने रहने या नए विकल्प तलाशने का सवाल खड़ा है। महायुति के भीतर यह विवाद राज्य की राजनीतिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
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