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महाराष्ट्र में ‘नोट के बदले वोट’ विवाद: विनोद तावड़े पर गंभीर आरोप

मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े पर वोट के बदले पैसे बांटने के आरोपों ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब बहुजन विकास अघाड़ी (VBA) के कार्यकर्ताओं ने विरार स्थित एक होटल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, जहां तावड़े बैठक कर रहे थे।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
मंगलवार को VBA के विधायक क्षितिज ठाकुर और उनके समर्थकों ने होटल में छापेमारी करवाई, जिसमें ₹9.93 लाख नकद और कुछ दस्तावेज बरामद किए गए। ठाकुर ने आरोप लगाया कि तावड़े मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए ₹5 करोड़ लेकर आए थे। चुनाव आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए तावड़े के खिलाफ FIR दर्ज की।
BJP का पक्ष और आरोपों का खंडन
विनोद तावड़े ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की। महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने इस घटना को विपक्ष की “पूर्व नियोजित साजिश” करार दिया। उन्होंने कहा, “तावड़े जैसे राष्ट्रीय महासचिव का मतदाताओं को पैसे बांटना असंभव है। विपक्ष अपनी हार के डर से ऐसा कर रहा है।”
VBA और MVA के आरोप
VBA विधायक क्षितिज ठाकुर ने दावा किया कि बीजेपी ने मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए बड़े पैमाने पर पैसे बांटे। ठाकुर ने कहा कि होटल का CCTV सिस्टम बंद था और यह बीजेपी की मिलीभगत को दर्शाता है। शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने इसे “लोकतंत्र का मजाक” बताते हुए चुनाव आयोग की निष्क्रियता पर सवाल उठाए।
सामने आए वीडियो और दस्तावेज
घटना के बाद एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें तावड़े और VBA नेताओं के बीच बहस होती दिख रही है। साथ ही, एक डायरी बरामद हुई है जिसमें कथित रूप से उन लोगों के नाम हैं जिन्हें पैसे दिए गए थे। शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने इसे “वोट खरीदने का घिनौना प्रयास” करार दिया।
BJP पर चुनाव आयोग की कार्रवाई की मांग
एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले और कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने इस घटना की सार्वजनिक निंदा की। सुले ने कहा, “यह भारतीय लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है।” उन्होंने चुनाव आयोग से निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की।
राजनीतिक विवाद के पीछे क्या है?
BJP का बचाव: तावड़े ने आरोपों को राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बताया।
विपक्ष का आरोप: विपक्ष का कहना है कि बीजेपी हार के डर से धनबल का सहारा ले रही है।
चुनाव आयोग की भूमिका: विपक्ष ने आयोग की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।
आगे की राह
घटना के बाद, महाराष्ट्र का राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। हालांकि, बीजेपी ने इसे साजिश बताया है, लेकिन चुनाव आयोग के कदम यह तय करेंगे कि मामला कितनी गंभीरता से लिया जाएगा।

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