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नाइक के बारे में अगर पुख्ता सुबूत मिलें तो..मलेशियाई पीएम अनवर इब्राहिम ने दिया बयान

खुद को मुस्लिम मजहब का उपदेशक कहलाने वाले जाकिर नाइक पर भड़काऊ भाषण देने, मनी लॉन्ड्रिंग करने और आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप हैं। वह वर्ष 2017 में भारत से भागकर मलेशिया चला गया था। उस समय मलेशिया की प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद सरकार ने उसे सरकारी संरक्षण दिया था। इन दिनों भारत यात्रा पर आये मलयेशिया के वर्तमान प्रधानमंत्री ने अनवर इब्राहिम ने जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण को लेकर बयान दिया है कि अगर सबूत पेश किए जाएं तो हम आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मुझे नहीं लगता कि एक मामले के कारण हमें अपने द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए आगे सहयोग करने से पीछे हटना चाहिए। उल्लेखनीय है कि अनवर इब्राहिम को भी जाकिर नाइक का खास बताया जाता है।
इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स में सहभागिता के लिए भारत यात्रा पर आये मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने स्पष्ट तौर कहा कि अगर जाकिर नाइक के खिलाफ सबूत मिलेंगे तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई से दोनों देशों के रिश्तों में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। मलेशियाई प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि पीएम मोदी ने जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण के बारे में कोई बात नहीं की है। उन्होंने यह मुद्दा पहले उठाया था। उन्होंने कहा कि मैं किसी एक शख्स की बात नहीं कर रहा हूं। अनवर इब्राहिम ने कहा कि हमारे देश की सरकार जाकिर नाइक से संबंधित सभी सबूतों का गहनता से अध्ययन और स्वागत करेगी।
कौन है जाकिर नाइक
जाकिर नाइक का पूरा नाम जाकिर अब्दुल करीम नाइक है। उसका जन्म 1965 में मुंबई के डोंगरी में हुआ था। उसके पिता और दोनों भाई डॉक्टर थे। नाइक ने भी मेडिकल की पढ़ाई की और डॉक्टर बन गया। वर्ष 1990 में 1990 में उसने डॉक्टरी छोड़कर इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन शुरू कर दिया। वह खुद को इस्लामी विद्वान बताता है, लेकिन उसके भाषण आतंकवाद, धर्मांधता को बढ़ाते हैं। वह इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन और पीस टीवी का संस्थापक और अध्यक्ष भी है। दुनियाभर के 500 इस्लामी विद्वानों की सूची में भी जाकिर नाइक का नाम शामिल है। वह खुद को इस्लाम की किसी एक विचारधारा से जुड़ा हुआ नहीं बताता है, लेकिन उसे सलाफी विचारधारा का समर्थक माना जाता है। जाकिर नाइक ने एक बार कथित तौर पर कहा था, ‘अगर ओसामा बिन लादेन इस्लाम के दुश्मनों से लड़ रहा है, तो मैं उसके साथ हूं। अगर वो सबसे बड़े आतंकी अमेरिका से लड़ रहा है तो भी मैं उसके साथ खड़ा हूं. हर मुसलमान को आतंकवादी होना चाहिए.’ हालांकि, जाकिर नाइक दावा करता था कि उसके बयान को गलत तरह से पेश किया गया था।
जाकिर नाइक जुलाई 2016 में उस समय चर्चा में आया जब बांग्लादेश की राजधानी ढाका में बम ब्लास्ट हुआ. हमलावरों में से एक ने बताया था कि वो जाकिर नाइक के प्रभावित था। ढाका हमले के कुछ महीनों बाद ही जाकिर नाइक भारत छोड़कर भाग गया था। इसके बाद अप्रैल 2019 में श्रीलंका में ईस्टर संडे पर हुए बम धमाकों के तार भी जाकिर नाइक से जुड़े थे. इन धमाकों में 260 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
भगोड़ा है जाकिर नाइक
नाइक वर्तमान में भारत में एक वांछित भगोड़ा है। 2016 में नाइक पर मलेशिया में विदेश में रहने के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा। तब से नाइक भारत नहीं लौटा और मलेशिया का स्थायी निवासी बन गया। हालांकि नाइक सभी आरोपों से इनकार करता है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने भी जाकिर नाइक की गिरफ्तारी के लिए काफी प्रयास किए हैं, लेकिन मलेशियाई सरकार के सहयोग न करने के कारण वह हमेशा बच निकला है। नाइक के पीस टीवी को भारत, बांग्लादेश, कनाडा, श्रीलंका और यूनाइटेड किंगडम में अभद्र भाषा कानूनों के तहत प्रतिबंधित किया गया है।
अनवर इब्राहिम से इसलिए नाइक के बारे में पूछा गया
यह बात किसी से छिपी नहीं है कि जाकिर नाइक को मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम का करीबी माना जाता है। जाकिर नाइक को कई बार अनवर इब्राहिम के साथ देखा भी गया है। दोनों की एक साथ कई तस्वीरें भी आ चुकी हैं। जाकिर नाइक का मलेशियाई मुसलमानों पर भी अच्छा-खासा प्रभाव है। ऐसे में मलेशियाई नेताओं के लिए जाकिर नाइक का सहयोग और आशीर्वाद लेना मजबूरी बन चुका है।

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