मालदीव की संसद में इस समय हंगामा देखने को मिल रहा है। मालदीव की संसद में मुइज्जू की पार्टी और विपक्षी दलों के बीच मारपीट देखी जा रही है। संसद में मुइज्जू कैबिनेट को मंजूरी देने के लिए वोटिंग होनी थी। इसका मुइज्जू की पार्टी विरोध कर रही है क्योंकि एमडीपी ने 4 सांसदों को मंजूरी न देने का फैसला किया।
Maldives Parliament witnesses ruckus. Govt MP Shaheem gets a beating, as fellow MPs intervene to stop it. https://t.co/yzV2AHLVo1 pic.twitter.com/Bt4HNvyq6E
— Sidhant Sibal (@sidhant) January 28, 2024
मालदीव की संसद में इस समय सर्कस जैसा नजारा देखने को मिल रहा है। मालदीव की संसद में इस समय मारपीट और शोर शराबा चल रहा है। दरअसल मालदीव की संसद में रविवार को मुइज्जू मंत्रिमंडल के लिए वोटिंग होनी थी। लेकिन विपक्षी दल एमडीपी ने साफ कह दिया कि वह चार मंत्रियों की मंजूरी रोक देगी। इसके विरोध में मालदीव में सत्ताधारी दल विरोध में उतर गया है। सत्ताधारी गठबंधन पीपीएम-पीएनसी के सांसद सदन में विरोध कर रहे हैं। वह नहीं चाहते कि वोटिंग हो, क्योंकि सदन में वह अल्पसंख्यक हैं।
अब आपके मन में सवाल होगा कि सदन में अल्पसंख्यक होकर भी आखिर मुइज्जू राष्ट्रपति कैसे बन गए। तो मालदीव में लोकतांत्रिक प्रक्रिया भारत से काफी अलग है। पहले हम मालदीव की व्यवस्था समझ लेते हैं और फिर इसके बाद जानेंगे कि आखिर मालदीव में इस समय क्या हो रहा है? मालदीव की संसद को पीपुल्स मजलिस कहते हैं। मालदीव में सांसद और राष्ट्रपति का चुनाव अलग-अलग होता है। पिछले साल मालदीव में राष्ट्रपति का चुनाव हुआ था। वहीं पीपुल्स मजलिस के सदस्यों का चुनाव 2019 में हुआ था। <
This MP had some injuries. Has been taken to hospital now. pic.twitter.com/ip69U3oOwy
— Sidhant Sibal (@sidhant) January 28, 2024
ऐसे होता है राष्ट्रपति का चुनाव
मालदीव में जनता सीधे राष्ट्रपति को चुनती है। 50 फीसदी से ज्यादा वोट पाने वाला उम्मीदवार राष्ट्रपति चुना जाता है। अगर 50 फीसदी वोट किसी को न मिलें तो सबसे ज्यादा वोट पाने वाले दो उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होता है। इनमें जो भी सबसे ज्यादा वोट पाता है वो राष्ट्रपति चुना जाता है। पिछले साल हुए चुनाव में मोहम्मद मुइज्जू को 54 फीसदी वोट मिले थे। 2019 में सांसदों का चुनाव हुआ था। 17 मार्च 2024 को एक बार फिर चुनाव होने हैं। ऐसे में जब तक चुनाव नहीं होता, तब तक सदन में विपक्षी दल का ही बहुमत रहेगा। वह मुइज्जू के किसी भी कदम को बड़े आराम से रोक सकते हैं।
मुइज्जू की पार्टी कर रही विरोध
मुइज्जू के गंठबंधन वाले सांसद सदन के अंदर विरोध कर रहे हैं। वहीं सरकार समर्थकों की भीड़ संसद भवन के बाहर जमा हो गई है। संसद में 22 सदस्यों वाली कैबिनेट की मंजूरी के लिए डेढ़ बजे मतदान होना था। मुइज्जू की पार्टी के सांसद लगातार अंदर शोर मचा रहे हैं। वह तुरही बजाने में लगे हैं। सदन के अंदर से आए वीडियो में दिख रहा है कि सांसद स्पीकर की कुर्सी के पास शोर मचा रहे हैं। सांसदों के बीच आपस में लड़ाई भी देखी जा रही है, ताकि वोट न पड़ सके।