जयपुर। मनरेगा योजना के तहत श्रमिक नियोजन में राजस्थान देश में प्रथम स्थान पर आ गया है। योजना के तहत श्रमिक नियोजन 50 लाख से अधिक हो गया है। नियोजित श्रमिकों में लगभग 13 लाख प्रवासी श्रमिक भी रोजगार पा रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बताया कि कोरोना संक्रमण के समय में मनरेगा के तहत रोजगार मिलने से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को भरपूर आर्थिक संबल मिल रहा है। लॉकडाउन के कारण जहां अप्रेल माह में केवल 62 हजार श्रमिक नियोजित थे, समनवित प्रयासों से 8 जून तक श्रमिक नियोजन बढ़कर 50 लाख 20 हजार से अधिक हो गया है।
प्रदेश में भीलवाड़ा में सर्वाधिक 4 लाख 11हजार से अधिक श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। डूंगरपुर में 3 लाख 55 हजार , बांसवाड़ा में 3 लाख 50 हजार , अजमेर जिले में 2 लाख 67 हजार श्रमिकों को रोजगार मिला है। मनरेगा में नियोजित 13 लाख प्रवासी श्रमिकों में से लगभग सवा ग्यारह लाख के पास पहले से ही जॉब कार्ड थे। लगभग पौने दो लाख प्रवासी श्रमिकों को नए जॉब कार्ड उपलब्ध कराए गए हैं। मनरेगा कार्यस्थल पर कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए गाइडलाइन का पूरा पालन किया जा रहा है।