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मनमानी से बढ़ेगी निजी स्कूलों की परेशानी

जयपुर। स्कूल फीस को लेकर निजी स्कूलों की मनमानी आने वाले समय में उनके लिए परेशानी का सबब बन सकती है। अभी तक तो अभिभावक लॉकडाउन अवधि की स्कूल फीस माफ करने की मांग कर रहे थे, लेकिन मनमानी को देखते हुए उन्होंने अब स्कूलों को पूरी तरह से घेरने की रणनीति बनानी शुरू कर दी है।

जानकारी के अनुसार अब अभिभावक सिर्फ लॉकडाउन अवधि की फीस माफ करने की नहीं, बल्कि स्कूलों की प्रथम और द्वितीय तिमाही की फीस माफ करने के साथ-साथ तीसरी और चौथी तिमाही की फीस भी 50 फीसदी कम करने की मांग उठाने में लग गए हैं। प्रदेशभर में निजी स्कूलों के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं, ऐसे में निजी स्कूलों के सामने परेशानियां खड़ी हो सकती है।

ऐसी ही मांग कैम्ब्रिज कोर्ट स्कूल के अभिभावकों की ओर से उठी है। पांच सौ से अधिक अभिभावकों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर प्रथम और द्वितीय तिमाही की फीस माफ करने के साथ-साथ तीसरी और चौथी तिमाही की फीस भी 50 फीसदी कम करने की मांग उठाई है।

अभिभावकों का कहना हे कि कोरोना महामारी के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति बुरी तरह से प्रभावित हुई है। कुछ की नौकरी चली गई तो कुछ के वेतन में कटौती हो गई। कुछ उद्यम बंद हो गए तो कुछ की आय में गिरावट हुई है। लोग कैसे-जैसे अपनी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा कर रहे हैं। स्कूल खुलने पर कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ है। स्कूल के बाहर प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन स्कूल प्रबंधन जवाब नहीं दे रहा है।

वहीं दूसरी ओर पेरेंट्स वेलफेयर सोसायटी ने गुरुवार को शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को ज्ञापन सौंपा और मांग की, कि सरकार इस वर्ष के शैक्षणिक सत्र को समाप्त करें और स्कूलों को साफ दिशा-निर्देश दें कि निजी स्कूल अभिभावकों से ऑनलाइन क्लासेज के हथकंड़े अपनाकर फीस की मांग नहीं करें। जब तक स्कूल नहीं खुलें स्कूल फीस लेने पर रोक लगे, कोई भी स्कूल इस सत्र या अगले सत्र में फीस में बढ़ोतरी नहीं करे, स्कूलों की ओर से कॉपी-किताब बेचने पर रोक लगे।

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