हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के साथ-साथ मंत्र जाप का भी विशेष महत्व है। मंत्र जाप करने से व्यक्ति को मुक्ति व मोक्ष की प्राप्ति होती है। शास्त्रों अनुसार नियमपूर्वक मंत्र जाप से हमारी मनोकामनाएं भी पूरी हो सकती हैं |कुछ उपयोगी मंत्रों का विवरण आगे दिया गया है।
लक्ष्मी प्राप्ति के लिए मंत्र
या श्री: स्वयं सुकृतिनां भवनेष्वलक्ष्मी: पापात्मानां कृतधियां हृदयेषु बुद्धिः।
श्रद्धा सतां कुलजनप्रभवस्य लज्जा तां तवां नताः स्म परिपालय देवि विश्वम् ।।
इस मंत्र के प्रारंभ में प्रणव (ऊँ) लक्ष्मी (श्रीं ) माया ( हीं) लक्ष्मी (श्रीं) बीज लगा कर जप करने से एवं दशांश हवन करने से अतुल लक्ष्मी प्राप्त होती है एवं सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं।
विद्या प्राप्ति के लिए मंत्र
इत्युक्ता सा तदा देवी गमभीरान्त: स्मिता जगौ। दुर्गा भगवती भद्रा ययेदं धार्यते जगत् ।।
उपर्युक्त मंत्र के जप से विद्या प्राप्त होती है तथा वाक् संबंधी विकार नष्ट होते हैं।
वर प्राप्ति के लिए मंत्र
ॐ कात्यायनी महामाये महायोगिनीन्यधीक्ष्वरी ।
नंदगोप सूतम् देवि पतिम् मे कुरुते नमः ।।
इस मंत्र का नियमपूर्वक लाल चंदन की माला से जप करने से वर की प्राप्ति होती हैं ।
पत्नी प्राप्ति के लिए मंत्र
मनोरमां देहि मनोवृतानुसारिणीम् ।
तारणी दुर्गसंसारसागरस्य कुलोभ्दवाम् ।।
इस मंत्र को कामराज (क्लीं) पुटित कर 48 दिन तक प्रतिदिन एक हजार जाप एवं हवन करने से पत्नी प्राप्त होती है |
रोग नाश के लिए मंत्र
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानुभीष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्या श्रयतां प्रयान्ति ।।
इस मंत्र के एक लाख जप करने से रोग नष्ट होता है।
मंत्र के प्रत्येक शब्द का अपना विशेष महत्व होता है। इसलिए कहा जाता है कि किसी भी मंत्र के जाप करते समय शब्दों के उच्चारण का ध्यान रखना बहुत अवाश्यक होता है। मंत्र जप करने के लिए चंदन या रूद्राक्ष की माला का उपयोग उत्तम माना गया है।